राकांपा ( राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ) नेता नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। कोर्ट ने मलिक को धनशोधन के मामले में शुक्रवार को जमानत देने से इंकार कर दिया है। न्यायालय ने यह कहते हुए नवाब मलिक को जमानत देने से इनकार कर दिया कि जांच अभी शुरुआती दौर में है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि, वह 15 मार्च के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
वर्ष 1999 में हुई घटना के मामले में किया गया है गिरफ्तार
पीठ ने कहा कि हालांकि नवाब मलिक निचली अदालत में याचिका दायर कर कानून के तहत उपलब्ध उपाय का लाभ उठा सकते हैं। नवाब मलिक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि, मलिक को 1999 में हुई घटना के लिए 2022 में गिरफ्तार किया गया है।
वर्ष 1999 में हुई घटना के मामले में किया गया है गिरफ्तार
पीठ ने कहा कि हालांकि नवाब मलिक निचली अदालत में याचिका दायर कर कानून के तहत उपलब्ध उपाय का लाभ उठा सकते हैं। नवाब मलिक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि, मलिक को 1999 में हुई घटना के लिए 2022 में गिरफ्तार किया गया है।
उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी सुप्रीम कोर्ट
सिब्बल ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोई मामला नहीं है क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है। शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि, जांच अभी शुरुआती चरण में है और वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
सिब्बल ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोई मामला नहीं है क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है। शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि, जांच अभी शुरुआती चरण में है और वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।