Gay Sex: आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने गे सेक्स को “राक्षसों के बीच प्रथा” बताया है। बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ वक्त पहले समलैंगिकता को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताया था, साथ ही शास्त्रों का हवाला भी दिया था।इस इस पर आरएसएस के श्रमिक शाखा, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के पूर्व अध्यक्ष सी के साजी नारायणन ने इसे राक्षसों के बीच प्रथा बताया है और शास्त्रों का भा हवाला दिया।
कामसूत्र समलैंगिकता समाज में मौजूद है
आपको बता दें कि नारायणन ने अपने बयान में कहा, समलैंगिकता का जिक्र रामायण में राक्षस महिलाओं के बीच एक प्रथा के रूप में किया गया था जिसे हनुमान ने लंका में देखा था। धर्मशास्त्र और अर्थशास्त्र समलैंगिकता को दंडित करते हैं लेकिन कामसूत्र समलैंगिकता समाज में मौजूद है।
दरअसल, आरएसएस से जुड़ी पत्रिका द ऑर्गनाइज़र के प्रकाशित एक लेख में साजी नारायणन ने समलैंगिक यौन संबंधों को न केवल “अप्राकृतिक” करार दिया बल्कि समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाले अपने ऐतिहासिक 2018 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों की भी आलोचना की। इसी के साथ पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि शीर्ष अदालत भारतीय मुद्दों पर आंखें बंद कर के वेस्टर्न कल्चर को फॉलो कर रही है जो कहीं से भी स्वस्थ नहीं है।