भारत ने आज बालासोर में तीन दिन के अंदर दूसरी बार आकाश मिसाइल (आकाश-NG) का सफल परिक्षण किया। सतह से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक हथियारों से लैस मिसाइल आकाश-NG भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई हमले से निपटने में प्रयोग की जाएगी।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज ओडिशा के बालासोर तट से आकाश-NG सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। पिछले तीन दिनों में 30 किमी की मारक क्षमता वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का यह दूसरा फायरिंग परीक्षण है।
मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है। इस प्रक्षेपण को भारतीय वायु सेना के नुमाइंदों ने देखा। उड़ान डेटा को हासिल करने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया।
इन प्रणालियों द्वारा कैप्चर किए गए संपूर्ण उड़ान डेटा से संपूर्ण हथियार प्रणाली के दोषरहित प्रदर्शन की पुष्टि की गई है। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने तेज और फुतीर्ले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए आवश्यक उच्चस्तरीय गतिशीलता का प्रदर्शन किया। एक बार तैनात होने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इजाफा करने वाली साबित होगी।