सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुरी में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा को सशर्त अनुमति दे दी है। लेकिन इस दौरान कोरोना महामारी को लेकर जारी निर्देशों में किसी तरह की कोई कोताही नहीं होगी, इसके साथ ही रथ यात्रा मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ आयोजित की जाएगी।
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाईं के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। किसी भी मुद्दे से समझौता नहीं किया गया है और लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है।
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इस पर सीजेआई एसए बोवडे ने कहा कि भारत संघ को रथयात्रा का संचालन क्यों करना चाहिए। सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में देखकर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार को यह नहीं कह रहे कि उसे क्या करना चाहिए, लेकिन हम कुछ शर्तों के साथ इसकी (रथयात्रा की) अनुमति दे रहे हैं।’’
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने 18 जून के फैसले में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर पुरी में इस साल की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। लेकिन कोर्ट के फैसले को लेकर कई पुनर्विचार याचिकाएं लगाई गई थी।
जिसपर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को पलटते हुए जगन्नाथ रथ यात्रा को कुछ शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने अपने नए आदेश में कहा कि अगर ओडिशा सरकार को लगता है कि कुछ चीजें हाथ से निकल रही हैं तो वो यात्रा को रोक सकती है।