पुंछ में गुरुवार शाम को सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में 7 आतंकियों की संलिप्तता की बात सामने आई है। आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हुए थे। अब कार्रवाई के रूप में भारतीय सेना ने आतंकियों को पकड़ने के लिए कई अभियान चलाए हैं। सूत्रों ने कहा कि ड्रोन और निगरानी हेलीकॉप्टरों के साथ कई विशेष बलों की टीमों को इलाके में तलाशी के लिए उतार दिया गया है। सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियों समेत सुरक्षा बल अभियान का समन्वय कर रहे हैं।
दो गुटों के सात आतंकवादी शामिल

रक्षा सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में दो गुटों के सात आतंकवादी शामिल थे। सेना के वाहन पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सक्रिय आतंकियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया। बता दें कि पहले सूचना मिली थी कि जैश समर्थित आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
खुफिया एजेंसियां जांच पड़ताल में जुटीं

खुफिया एजेंसियां इन खबरों की जांच कर रही हैं कि आतंकियों ने राजौरी और पुंछ के रास्ते पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से भारत में घुसपैठ की थी। रिपोर्टें सामने आई थीं कि JeM और LeT के आतंकवादियों को POK में कई स्थानों पर इकट्ठा होने के लिए कहा गया था और उन्हें वहां के गांवों में छिपाया जा रहा था।
खोजी कुत्तों की मदद से आतंकवादियों का लगाया जा रहा पता

सुरक्षा बलों ने बाटा-डोरिया इलाके में ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाश अभियान शुरू किया है। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और हमले की जांच के लिए बम निरोधक दस्ता और विशेष अभियान समूह (एसओजी) भी घटनास्थल पर हैं।
दो टीमें भी मामले की जांच के लिए पुंछ जाएगी

जम्मू संभाग के एडीजीपी मुकेश सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उस स्थान पर हैं, जहां आतंकी हमला हुआ था। दिल्ली से एक फोरेंसिक टीम समेत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की दो टीमें भी मामले की जांच के लिए पुंछ आने वाली हैं। शहीद जवानों की पहचान हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह के रूप में हुई है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को जवानों को श्रद्धांजलि दी। शहीद जवान राष्ट्रीय राइफल्स के थे। बता दें कि पुंछ-राजौरी क्षेत्र में भारतीय सेना के हताहत होने की यह चौथी घटना है।
LOC से 7 किलोमीटर दूर है घटनास्थल
जानकारी के मुताबिक, जिस क्षेत्र में घटना हुई है, वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) में भीमबेर गली से 7 किमी दूर है, जो एलओसी के भारतीय हिस्से के भीतर घने जंगल में है। क्षेत्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए खुफिया इनपुट थे। जिहादी जंगलों में छिपे हुए थे और काफिले पर हमले का इंतजार कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिले इनपुट के मुताबिक, आतंकियों ने ट्रक में सफर कर रहे राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों के खिलाफ रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड और असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया।