भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने कहा है कि इतिहास को पुनर्लेखन की सरकार की कोई मंशा नहीं है सिर्फ इतिहास को व्यपाक बनाने का प्रयास कर रहा है। प्रधान ने यह बात सोमवार को लोकसभा के दौरान सवाल पूछते समय कही है। एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि लिखित उत्तर में भी कहा गया है कि इतिहास के पुनर्लेखन का कोई मकसद नहीं है।दरअसल इतिहास को फिर से लिखने की बात यहां पहली बार नहीं बोली गई है, बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी के कई नेताओं ने इतिहास को बदलने की बात की है।
कांग्रेस नेता ने क्या किया दावा
कांग्रेस के मनीष तिवारी के इतिहास के पुनर्लेखन पर टिप्पणी करते हुए सवाल पूछा कि सरकार इससे इनकार कर रही है लेकिन भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद ने दावा किया है कि वह इतिहास का पुनर्लेखन कर रहे हैं।
कई गौरव साम्राज्य की गाथा इतिहास में हो शामिल
शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश बारह सौ साल तक अलग अलग कालखंड में पराधीनता से गुजरा है। इस दौरान अनेक साम्राज्य रहे जिन्होंने देश की सभ्यता, संस्कृति को उजागर करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कई सारे ऐसे लोग थे जो इतिहास में छूट गये थे उन्हें इतिहास में शामिल किया जाना चाहिए।