तरुण तेजपाल मामले में गोवा की सेशन कोर्ट का बड़ा फैसला, 8 साल बाद 2013 के रेप केस से हुए बरी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

तरुण तेजपाल मामले में गोवा की सेशन कोर्ट का बड़ा फैसला, 8 साल बाद 2013 के रेप केस से हुए बरी

तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक रेप केस में पत्रकार तरुण तेजपाल को रेप केस में बड़ी राहत मिली है। 8 साल बाद गोवा की सेशन कोर्ट ने बुधवार को तरुण तेजपाल को बरी कर दिया है।

तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक रेप केस में पत्रकार तरुण तेजपाल को रेप केस में बड़ी राहत मिली है। 8 साल बाद गोवा की सेशन कोर्ट ने बुधवार को तरुण तेजपाल को बरी कर दिया है। वे 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी थे। तेजपाल के बचाव पक्ष के वकील ने कहा, “उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। आदेश अभी नहीं दिया गया है। इसे बाद में अपलोड किया जाएगा।”
एक बयान में तेजपाल ने कहा, “पिछले साढ़े सात साल मेरे परिवार के लिए दर्दनाक रहे हैं क्योंकि हमने अपने व्यक्तिगत पेशेवर और सार्वजनिक जीवन के हर पहलू पर इन झूठे आरोपों के विनाशकारी नतीजों से निपटा है। लेकिन हमने सैकड़ों घंटे की अदालती कार्यवाही के माध्यम से गोवा पुलिस और कानूनी व्यवस्था के साथ पूरा सहयोग किया है। “
बता दें कि गोवा में एक सत्र अदालत ने बुधवार को कहा कि वह तरुण तेजपाल मामले में 21 मई को अपना फैसला सुनाएगी। यह तीसरी बार थी जब अदालत ने मामले में अपने फैसले को स्थगित किया। इससे पहले अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था।
अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था।बुधवार को, तेजपाल अपने वकीलों और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ अदालत में मौजूद थे। मीडिया के लोगों को अदालत में प्रवेश से मनाही थी। राज्य की राजधानी पणजी के पास मापुसा नगर में स्थित अदालत के भवन के आस-पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
मामले में अदालत द्वारा फैसला टालने के बाद तेजपाल ने संवाददाताओं से बात नहीं की। गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। गोवा अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।
उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 376 की उपधारा दो (फ) (पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ महिला से बलात्कार) और 376 (2) (क) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला। तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।