देश में कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान जारी है। इस बीच त्रिपुरा सरकार को अधिकतम कोविड टीकाकरण के दावे को लेकर फजीहत का सामना करना पड़ा। त्रिपुरा हाई कोर्ट ने सरकार के इन आंकड़ों में हेरफेर बताते हुए अधिकतम टीकाकरण के दावे को खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति अरिंदम लोध की पीठ ने त्रिपुरा में कोविड की मौजूदा स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि टीकाकरण के मामले में त्रिपुरा देश में शीर्ष पर है।

पीठ ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘कोर्ट ने प्रारंभ से सार्वजनिक सूचना की विश्वसनीयता पर जोर दिया है, क्योंकि हमारा मानना है कि ऐसे दावे तभी सही होंगे जब राज्य की मशीनरी द्वारा उपलब्ध कराया गया आंकड़ा पारदर्शितापूर्ण और सटीक होगा तथा लोगों का इस पर विश्वास होगा। एक जिम्मेदार अधिकारी ने गलत जानकारी दी है तो हमें उम्मीद है कि अब वह प्रेस को संशोधित जानकारी उपलब्ध करायेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव सरकार ने सभी पात्र आयु समूहों की 80 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 का डोज दिये जाने का दावा कर देश भर में वाहवाही बटोरी थी। जबकि 45 वर्ष से अधिक के मामले में यह आंकड़ा 98 प्रतिशत था।