डॉक्टरों पर हो रही हिंसा के विरोध में IMA के सदस्यों ने केरल में किया प्रदर्शन, यौद्धाओं को बचाओ के लगाए नारे - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

डॉक्टरों पर हो रही हिंसा के विरोध में IMA के सदस्यों ने केरल में किया प्रदर्शन, यौद्धाओं को बचाओ के लगाए नारे

डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।

डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। आईएमए के लगभग 3.5 लाख डॉक्टर्स इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। दिल्ली एम्स के बाहर आज हाथों में पोस्टर लिए हुए डॉक्टर्स का एक समूह प्रदर्शन करते हुए नजर आया। इसी कड़ी में केरल में भी राज्यभर में चिकित्सकों ने प्रदर्शन किए और ‘‘यौद्धाओं को बचाओ’’ के नारे लगाए।
सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सकों ने सचिवालय के सामने, यहां राज्य प्रशासनिक केन्द्र और अस्पतालों के अलावा विभिन्न जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया। सचिवालय के सामने चिकित्सक भी हाथ में तख्ती लिए नजर आए। आईएमए के प्रदेश प्रमुख डॉ. पीटी ज़कैरियस, राज्य सचिव डॉ. पी गोपाकुमार और ‘केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स’ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जीएस विजय कृष्णन ने भी यहां ‘जनरल हॉस्पिटल’ के सामने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रदर्शन से अस्पतालों का संचालन प्रभावित ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य के हर केन्द्र पर केवल पांच लोगों ने ही प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसलिए प्रदर्शन से अस्पतालों में ‘आउट पेशेंट’ (ओपी) या अन्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई। चिकित्सकों की प्रमुख मांग अस्पतालों को ‘‘विशेष संरक्षित केन्द्र’’ घोषित करना है। इस बीच, राज्य की राजधानी में गुरुवार को स्थानीय पुलिस ने मेनाम्कुलम के एक व्यक्ति के खिलाफ निजी अस्पताल में एक चिकित्सक को ड्यूटी पर धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
शीर्ष चिकित्सक संघ आईएमए ने हाल ही में असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और अन्य स्थानों पर चिकित्सकों पर हुए हमलों को ‘‘बेहद परेशान’’ करने वाला करार दिया था। उसने भादंस और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के साथ केन्द्रीय अस्पताल एवं स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन, प्रत्येक अस्पताल में सुरक्षा का मानकीकरण एवं वृद्धि और अस्पतालों को संरक्षित क्षेत्रों घोषित करने की मांग की है।

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