कोरोना वायरस : 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ रिसर्च छात्रों के लिए खुलेगा JNU कैंपस - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

कोरोना वायरस : 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ रिसर्च छात्रों के लिए खुलेगा JNU कैंपस

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में न केवल दिल्ली बल्कि देश भर से और विदेशों से भी छात्र आते हैं।

कोरोना वायरस के घटते मामलों के बीच जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में पीएचडी और लैब की आवश्यकता वाले अन्य छात्रों को कैंपस में आने की अनुमति दी जा रही है। चरणबद्ध तरीके से जेएनयू परिसर को सोमवार से 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जा रहा है। 
जेएनयू कैंपस को सोमवार 6 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से खुल जाएगा। पीएचडी छात्रों को कैंपस में प्रवेश की अनुमति दी गई है ताकि पीएचडी के छात्र तय समय सीमा के अन्तर्गत 31 दिसंबर तक अपनी थीसिस पूरी कर लें। जेएनयू प्रशासन के मुताबिक दिव्यांग छात्रों को भी अब यूनिवर्सिटी आ सकेंगे। 
इसके साथ ही जेएनयू प्रशासन ने बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी भी 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ खोलने का निर्णय लिया है। हालांकि शेष छात्र अभी भी मानसून सेमेस्टर की पढ़ाई ऑनलाइन ही करेंगे। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि बावजूद इसके अभी भी सामान्य कक्षाएं और परीक्षाएं ऑनलाइन ही आयोजित की जाएंगी। 
वहीं दूसरी ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी भी चरणबद्ध तरीके से कैंपस गतिविधियों को शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके लिए यूनिवर्सिटी में एक उच्च स्तरीय बैठक भी की गई है। वहीं जिन राज्यों में संक्रमण दर अधिक है। वहां से आने वाले छात्रों के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटी अलग गाइडलाइन बना रहे हैं। इनमें केरल, नॉर्थ-ईस्ट और महाराष्ट्र जैसे राज्य प्रमुख हैं। 
यहां से आने वाले छात्रों को 72 घंटे की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के अलावा वैक्सीन की दोनो डोज लगवाना अनिवार्य किया जा सकता है। दिल्ली में दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने भी स्कूल कॉलेज खोले जाने की सिफारिश की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी का कहना है कि वह दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी यानी डीडीएमए की सलाह का स्वागत करते हैं। 
इससे हमें चरणबद्ध तरीके से यूनिवर्सिटी को फिर से खोलने में मदद मिलेगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में न केवल दिल्ली बल्कि देश भर से और विदेशों से भी छात्र आते हैं। हमें इस पर विचार करना होगा कि उन्हें कैसे शामिल किया जाएगा।

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