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तमिलनाडु चुनाव में कमल हासन की नजरें मुस्लिम, दलित वोट बैंक पर रहेगी

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के प्रमुख कमल हासन तमिलनाडु में मुस्लिम और दलित वोट बैंकों में पैठ बनाने की उम्मीद कर रहे है।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के प्रमुख कमल हासन तमिलनाडु में मुस्लिम और दलित वोट बैंकों में पैठ बनाने की उम्मीद कर रहे हैं, जो 6 अप्रैल के विधानसभा चुनाव में चुनावी लाभ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हासन, जो खुद एक ब्राह्मण हैं, मुस्लिम और दलित दोनों समुदायों को अपना समर्थन देने में मुखर रहे हैं। 
2019 के आम चुनावों में प्रचार के दौरान अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने मुस्लिम बहुल अरुवरकुरिची में एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि देश का पहला आतंकवादी एक हिंदू था। हालांकि इस बयान से मुस्लिम समुदाय पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन उनके कार्यों और कई मुद्दों पर समर्थन ने समुदाय को यह महसूस कराया कि कमल हासन उनका समर्थन करेंगे। मुस्लिम व्यापारी और जमात इस्लामी हिंद के एक कार्यकर्ता अब्दुल बासित खान ने बात करते हुए कहा कि बेशक हम कमल हासन से प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि भारत में चरमपंथ का बीज महात्मा गांधी की हत्या करके गोडसे ने बोया था। 
2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु में लगभग 5.85 प्रतिशत मुसलमान हैं। हालांकि तमिलनाडु में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, मनिथनय्या मक्कल काची, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) सहित कई मुस्लिम राजनीतिक दल तमिलनाडु के सियासी समर में हैं। एमएनएम चीफ को यहां के मुसलमानों का व्यापक समर्थन प्राप्त है। तमिलनाडु के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम वोट बैंक का वर्चस्व नहीं है। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के 2,000 से 20,000 वोट 100 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में एक गेम चेंजर हो सकते हैं। 
कमल हासन की नजर स्पष्ट रूप से मुस्लिम वोट बैंक पर है। सीएए और राम जन्मभूमि जैसे मुद्दों पर वे मुस्लिम वोट को साधने की जुगत में जुटे हैं। तमिलनाडु में लगभग 20 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दलित एक मजबूत समुदाय है। सांसद थोल थिरुमावलवन के नेतृत्व वाली विदुथलाई चिरुथाइगल काची (वीसीके) तमिलनाडु की प्रमुख दलित पार्टी है। लेकिन, दलित वोट द्रमुक, कांग्रेस और अन्नाद्रमुक में बंट जाता है। बहुत कम संख्या में दलित वोट भाजपा के हिस्से में जाता है। अरकोनम में एमएनएम के पदाधिकारी वैद्यनाथन के ने बताया कि हासन निश्चित रूप से एक अच्छे ‘वोट-कैचर’ हैं और इस तरह के मुद्दे उन्हें आगे ले जाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दलित हमारे उम्मीदवारों के लिए बड़ी संख्या में मतदान करेंगे। एमएनएम विधानसभा चुनावों में 154 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है और पार्टी के नेता मुस्लिम और दलित दोनों समुदायों को साध रहे हैं ताकि पार्टी उम्मीदवारों के लिए सहज जीत सुनिश्चित हो सके।

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