कर्नाटक से लगातार सामने आ रहीं मुस्लिम विरोधी घटनाओं को लेकर विपक्ष के साथ सत्तापक्ष में भी विरोधी स्वर मुखर होने लगे हैं। पहले हिजाब को लेकर चला लंबा विवाद, उसके बाद हलाल और अब मुस्लिम व्यापारियों की दुकान में तोड़फोड़ को लेकर बीजेपी के दो विधायकों के साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सवाल उठाया है।
येदियुरप्पा ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मेरी इच्छा है कि हिंदू और मुसलमान ऐसे रहें जैसे एक मां के दो बच्चे साथ रहते हैं। ऐसे में अगर कुछ शरारती तत्व उसमें बाधा डाल रहे हैं तो मुख्यमंत्री ने पहले ही आश्वासन दे दिया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में हिंदू संगठनों से आग्रह किया है कि वो ऐसी हरकतें न करें।मुसलमानों को शांति और सम्मान के साथ जीने दीजिए। येदियुरप्पा राज्य के पहले ऐसे बड़े नेता हैं जिन्होंने हिंदूवादी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के खिलाफ खुलकर बोला।
येदियुरप्पा से पहले दो BJP नेता भी उठा चुके हैं सवाल
येदियुरप्पा से पहले कानून और संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी और बीजेपी विधायक अनिल बेनाके भी मुस्लिम व्यापारियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों की निंदा कर चुके है। संसदीय कार्य मंत्री मधुस्वामी ने उपद्रवियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो सभी लोग जिन्होंने आजादी के बाद भारत में रहने का फैसला किया था वो भारतीय हैं। ये देश हर किसी का है।
कर्नाटक के मंदिरों के सालाना मेले और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति नहीं देने पर अनिल बेनाके ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘हर व्यक्ति अपना कारोबार कर सकता है और यह फैसला लोगों को करना है कि वह कहां से क्या खरीदते हैं।
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक में हिजाब को लेकर हुए विवाद के बाद हिंदू संगठनों की तरफ से मुसलमानों और उनके व्यवसायों के खिलाफ अभियान शुरू हुए। हिंदू संगठनों द्वारा मंदिरों के सालाना मेले में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति नहीं देने के अलावा कई प्रतिबंधों का ऐलान किया गया।
हाल ही में उठे हलाल विवाद के बाद धारवाड़ जिले के एक मंदिर में श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं की ओर से मुस्लिम फल विक्रेता के साथ तोड़फोड़ करने के साथ उनके फल सड़क पर फेंक दिए गए। इस मामले में कर्नाटक पुलिस श्रीराम सेना से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कर्नाटक में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं और तनावों को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।