महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा छह दिवसीय बंजारा महाकुंभ का आयोजन किया गया है। यह आयोजन घुमंतु जनजातियों पर केंद्रित है। इस आयोजन में संघ के पदाधिकारियों ने लगभग 10 लाख लोगों के सम्मिलित होने का अनुमान लगाया है। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बंजारा महाकुंभ का आयोजन ऐसे समय में कर रहा है जब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तथा इस वर्ष कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर जनजातीय समुदायों को खास तवज्जो दी जा रही है।
समुदाय के लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश भैय्याजी जोशी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस हिस्सा लेंगे। महाकुंभ की तैयारियों में शामिल पदाधिकारियों के अनुसार, इस सम्मेलन का आयोजन मिशनरियों द्वारा बंजारा समुदाय के लोगों के धर्मांतरण के बढ़ते मामलों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ इस समुदाय के लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिशों के तहत किया जा रहा है। इस महाकुंभ के आयोजन का महत्व तब बढ़ जाता है जब कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जहां इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।
10 लाख से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद
संघ के पदाधिकारी ने कहा कि इस महाकुंभ में गोड बंजारा, लाबना और नैकदा जैसी घुमंतु जातियों के 10 लाख से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि महाराष्ट्र और गोवा से भी इस समुदाय के लोग सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि घुमंतु जातियों के साधु संत एवं समाज के गणमान्य लोग इन समुदायों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं। इनके ठहरने के लिये व्यापक इंतजाम किये जा रहे हैं।
ईसाई मिशनरियों द्वारा गुमराह करके धर्मांतरण
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से ईसाई मिशनरियों द्वारा बंजारा समुदाय को गुमराह करके धर्मांतरण कराया जा रहा है। इस महाकुंभ की तैयारियों में बंजारा समुदाय के युवा और आरएसएस के 3000 स्वयंसेवक पिछले दो महीने से लगे हुए हैं। इसका आयोजन जलगांव के गोदरी गांव में 500 एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है।