Mizoram Migrated : मुख्यमंत्री जोरमथंगा बोले- म्यांमार के 24 हजार से अधिक नागरिकों ने मिजोरम में किया पलायन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

Mizoram Migrated : मुख्यमंत्री जोरमथंगा बोले- म्यांमार के 24 हजार से अधिक नागरिकों ने मिजोरम में किया पलायन

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद 24 हजार से अधिक नागरिकों ने मिजोरम में शरण ली है।

भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं। और स्वतंत्रता का अधिकार भारतीए नागरिक को किसी भी राज्य में जाने की अधिकार हैं। हालांकि, मिजोरम मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश म्यांमा में सैन्य तख्तापलट होने के बाद 24 हजार से अधिक नागरिकों ने मिजोरम में शरण ली है।
मुख्यमंत्री बोले-सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार
मुख्यमंत्री ने विधानसभा को बताया कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इस साल 12 फरवरी तक म्यांमा के 24,289 लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं।पड़ोसी देश के विभिन्न हिस्सों और विशेषकर चिन राज्य में हुईं ताजा झड़पों के चलते मिजोरम आने वाले म्यांमा के लोगों की संख्या में हाल में काफी वृद्धि हुई है।जोरमथंगा ने कहा कि म्यांमा के नागरिकों को मानवीय आधार पर राज्य सरकार, गैर सरकारी संगठनों, गिरजाघरों, छात्र निकायों और गांव के अधिकारियों द्वारा भोजन, आश्रय व अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है।
 शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने केंद्र से विस्थापित नागरिकों की मदद करने का आग्रह किया है लेकिन केंद्र सरकार के लिए सीधे तौर पर ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि भारत शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा, ”केंद्र हमारी सहायता करता है और बदले में हम म्यांमार के नागरिकों की मदद करते हैं।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने और मदद मांगी है।
राज्य विधानसभा को किया गया सूचित
जानकाीर के मुताबिक, जोरमथंगा ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है कि म्यांमार से विस्थापित नागरिकों को समस्या का सामना न करना पड़े।इस बीच, राज्य के गृह मंत्री लालचमलियाना ने राज्य विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार ने उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए अब तक 380 लाख रुपये की धनराशि जारी की है।गृह मंत्री ने एक लिखित उत्तर में कहा, ”इस राशि का उपयोग राहत शिविरों के निर्माण, भोजन, पीने के पानी और कपड़े, विद्युतीकरण, चिकित्सा सहायता और स्वच्छता सुविधाओं के लिए किया जा रहा है।”

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