बाल ठाकरे स्मारक के निर्माण को लेकर निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया गया : बीएमसी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

बाल ठाकरे स्मारक के निर्माण को लेकर निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया गया : बीएमसी

बृह्नमुंबई महानगरपालिका और विरासत संबंधी एक समिति ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि मुंबई में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।

बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और विरासत संबंधी एक समिति ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि मुंबई में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।ठाकरे का नवंबर 2012 में उपनगरीय बांद्रा में उनके आवास पर निधन हो गया था।
जनहित याचिका के जवाब में ये हलफनामे दाखिल किए
बीएमसी और मुंबई विरासत संरक्षण समिति (एमएचसीसी) ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम.एम. कार्णिक की पीठ के समक्ष अपने-अपने हलफनामे दाखिल किए। उन्होंने एक जनहित याचिका के जवाब में ये हलफनामे दाखिल किए हैं, जिसमें शिवाजी पार्क इलाके में स्थित महापौर के बंगले को बाल ठाकरे के स्मारक में तब्दील करने के लिए साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को चुनौती दी गई थी।भगवान रायानी नामक व्यक्ति ने अप्रैल 2017 में यह जनहित याचिका दाखिल की थी। यह स्मारक दादर में शिवाजी पार्क में उस भूखंड पर बनाया जाना है, जहां महापौर का बंगला स्थित है।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भूमि आरक्षण में बदलाव 
बीएमसी ने अपने हलफनामे में कहा कि मई, 2018 में राज्य सरकार ने महापौर के बंगले को ‘बाल ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक’ में तब्दील करने को मंजूरी दी थी और भूमि आरक्षण को हरित क्षेत्र से बदलकर आवासीय क्षेत्र में कर दिया गया था।
हलफनामे में कहा गया है कि महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं शहरी नियोजन (एमआरटीपी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भूमि आरक्षण में बदलाव किया गया था।
मुंबई विरासत संरक्षण समिति ने अपने हलफनामे में कहा कि महापौर का बंगला ग्रेड-बी के तहत आने वाला विरासत ढांचा है और समिति ने स्मारक के निर्माण के लिए सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए थे।
हलफनामे में कहा गया है, ”याचिका में लगाया गया यह आरोप सत्य नहीं है कि उक्त परियोजना (स्मारक) के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी।”उच्च न्यायालय ने मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।