महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थक संजय शिरसाट ने सोमवार को कहा कि वह औरंगाबाद शहर से मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगे। शिरसाट ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के खिलाफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को बिरयानी पार्टी करार दिया। एआईएमआईएम के स्थानीय सांसद इम्तियाज जलील के नेतृत्व में क्रमिक भूख हड़ताल चार मार्च से यहां जिला कलेक्टर कार्यालय में चल रही है।

एआईएमआईएम पार्टी पर साधा निशाना
शिरसाट ने मराठी समाचार चैनल एबीपी माझा से बातचीत में दावा किया, यह एक आंदोलन नहीं है, बल्कि एक बिरयानी पार्टी है और इस पार्टी की तस्वीरें भी वायरल हुई हैं। औरंगाबाद में मुसलमानों को नाम बदलने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन हैदराबाद के लोगों (एआईएमआईएम) को है।
नाम बदलने के खिलाफ क्यों है ओवैसी
शिवसेना विधायक ने कहा, आपको (जलील को) शहर का नाम बदलने में दिक्कत क्यों है? क्या आप औरंगजेब के वंशज हैं? एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (औरंगजेब की) कब्र पर जाते हैं और सिर झुकाते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की याद में कोई भी दिन नहीं मनाया जाना चाहिए और मुगल बादशाह की कब्र के अवशेषों को औरंगाबाद से हटाया भी जाना चाहिए।
शिवसेना नेता ने नाम बदलने के पीछे का बताया कारण
शिरसाट ने कहा, मैं इन मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा। मैं पुलिस आयुक्त से भी मिलूंगा, क्योंकि जलील शहर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव करने को मंजूरी दे दी है। औरंगाबाद का नाम औरंगज़ेब से लिया गया है, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20 वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
