पंजाब की आप सरकार ने आज बिजली और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया। वहीं पंजाब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन, राज्यपाल और पंजाब के लोगों को गुमराह किया है। क्योंकि उन्होंने जिन मुद्दों को लेकर सत्र बुलाया उनपर चर्चा की ही नहीं।
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि उन्होंने (भगवंत मान) 3 मुद्दों यानी जीएसटी, बिजली, पराली जलाने पर सत्र बुलाया लेकिन उन्होंने इसके बारे में बात नहीं की। उन्होंने सदन, राज्यपाल और पंजाब के लोगों को गुमराह किया है। अगर वे विश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं, तो उन्हें सदन को भंग करना चाहिए और नए सिरे से चुनाव कराना चाहिए।
कांग्रेस विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही
वहीं सीएम मान ने कहा कि आज बीजेपी और कांग्रेस के गठजोड़ की पोल खुल गई है। वे एक दिन का सत्र बुलाने के भी खिलाफ हैं। हैरानी की बात है कि कांग्रेस भी विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही। कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या दाल ही काली है। बाजवा साहब ने भी बयान दिया कि ये सत्र चलना नहीं चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने 22 सितंबर को विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसे रद्द कर दिया गया। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अपना आदेश बुधवार को वापस लेने के बाद ये फैसला किया गया। जिसकेबाद राज्य की आप सरकार ने आज विधानसभा का सत्र बुलाया।
राज्यपाल द्वारा आदेश वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में 27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया गया है। बिजली और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिन विधानसभा सत्र (राज्यपाल द्वारा) को रद्द करने के मामले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।