पंजाब के मोहाली में एक मोर्चा लगा है। इस मोर्चे में दलित समाज के लोग धरना दे रहे है। इन लोगों की मांग है कि जनरल जाति के लोग दलित समाज की जाली सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी कर रहे है सारे सरकारी फायदे ले रहे है। उनके खिलाफ कार्रवाई का जाए। आज इसी मुद्दे को लेकर सीएम भगवंत मान के साथ धरने पर बैठे लोगों की मीटिंग होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से ये मीटिंग नहीं हो पाई।
ओएसडी के साथ हुई सीएम की बैठक
सीएम मान के साथ मीटिंग ना होने के चलते धरने पर बैठे लोगों की मीटिंग उनके ओएसडी नवराज बरार के साथ हुई, लेकिन इस मीटिंग से कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पाया। इससे नाराज होकर मोर्चे के लोगों ने 12 जून को पंजाब बंद का ऐलान किया है।

लोगों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी
आपको बता दें कि 1 मई को मजदूर दिवस पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र रद्द करवाने के लिए एक विशाल सभा का आयोजन किया गया था। मोर्चा कमेटी ने फर्जी एससी सर्टिफिकेट रद्द करावने की मांग करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। मोर्चे के प्रोफेसर हरनेक सिंह ने कहा था कि जब तक फर्जी प्रमाणपत्र वालों को संविधान के मुताबिक सजा नहीं मिलती तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
अधिकारियों की संपत्तियों की जांच करवाने की मांग की गई
मोर्चे पर बैठे लोगों के द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि अगर फर्जी प्रमाणपत्र धारकों के पक्ष में बोलने वाले नेता बाज नहीं आए तो उनके घरों पर छापेमारी की जाएगी। सतर्कता निगरानी समिति में तैनात अधिकारियों की संपत्तियों की जांच करवाने की मांग की गई थी। इसके अलावा मांग की गई थी कि विधानसभा सत्र के दौरान एक कानून पारित हो जिसमें फर्जी प्रमाणपत्र का उपयोग करने पर 5 साल की सजा का प्रावधान हो।