शास्त्रों में भगवान हनुमान जी की पूजा को सरल और आसान बताया गया है। लेकिन बजरंगबली की पूजा के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है। ज्यादातर लोग छोटी-छोटी गलती भगवान की पूजा के दौरान कर देते हैं। हालांकि उन्हें यह भूल नियम ना पता होने की वजह से होती हैं।

हनुमान जी को सिंदूर लगाता और लाल चीजें चढ़ानी शुभ माना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि सिंदूर चढ़ाने का भी एक सही तरीका है जो बहुत ही कम लोगों को पता है। हालांकि हनुमान जी को लाल रंग बहुत प्रिय है और लाल रंग का प्रसाद चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं लेकिन कौन सा प्रसाद कब चढ़ाना है यह किसी को नहीं पता है। चलिए आपको बताते हैं कि बजरंगबली की पूजा मंगलवार के दिन कैसे करनी चाहिए।

बजरंगबली की ऐसे पूजा करने से कृपा बरसती है
हनुमान जी को सिंदूर सूखा नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल तिल के तेल में मिलाकर फिर चढ़ाना चाहिए। भगवान कभी भी सूखा सिंदूर चढ़ाने से प्रसन्न नहीं होते हैं।

व्यक्ति को पवित्र मन से हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान व्यक्ति के मन में वासना, द्वेष या कपट नहीं आना चाहिए।

शुद्ध घी में बजरंगबली का प्रसाद बनाना चाहिए। अगर आप प्रसाद शुद्ध घी में नहीं बना पाते तो प्रसाद में कोई फल चढ़ा दीजिए।

केसर के साथ घिसा लाल चंदन हनुमान जी को चढ़ाना चाहिए। अगर केसर आपके पास नहीं है तो पूजा में उन्हें कच्ची हल्दी के साथ चंदन मिलाकर लगा दें।

पूजा में कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल बजरंगबली को चढ़ाने चाहिए। भगवान को यह तीनों फूल बहुत पसंद हैं।

सुबह और शाम को हनुमान जी को प्रसाद अलग चढ़ाना चाहिए। गुड़-नारियल का गोला और लड्डू सुबह,गुड़,घी और गेहूं की रोटी का चूरमा या मोटी रोटी दोपहर को चढ़ानी चाहिए। इसके अलावा आम, अमरूद,केला आदि रात को प्रसाद के रूप में अर्पित करना चाहिए।

जो नैवेद्य हनुमान जी को पूजा में अर्पित किया जाता है उसे साधक ही ग्रहण बाद में करें। वह प्रसाद किसी अन्य व्यक्ति को ना दें।

जब भी आप हनुमान जी की पूजा के दौरान मंत्र का जाप करते हैं उस दौरान उनकी नेत्र में देखते हुए जप करें। कहते हैं कि फलीभूत ऐसा करने से होता है।

स्त्रियों को हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें छूना पर मनाही है। कोई भी स्त्री भगवान जी को अर्पित करना चाहती है वह उनके पास रख दें। उनके चरणों के आगे ही सिंदूर भी अर्पित करें।