इन तीन लोगों को घेर लेती है शनि की ढैय्या,अगर हाथ में दिख जाे तो कलावा
कलावा मुख्यता 3 रंगों से मिलकर बना होता है जो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदू धर्म में पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के समय हाथ में लाल रंग का कलावा बांधने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है।हिंदू धर्म में कई पवित्र पेड़-पौधों में भी कलावा बांधने का महत्व है। हाथ में कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और व्यक्ति परेशानियों से दूर रहता है। इसलिए इसे रक्षासूत्र भी कहा जाता है।

पुरुष और कुंवारी कन्याओं को हमेशा दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।वहीं विवाहति स्त्रियों को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।

कलावा को हमेशा हाथों में तीन बार लपेटते हुए बांधने का महत्व है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ लोगों के लिए कलावा हाथ में बांधना अशुभ भी हो सकता है।

ज्योतिष शास्त्र की माने तो, कुंभ और मकर राशि वाले लोगों को हाथ में कलावा नहीं बांधना चाहिए। क्योंकि कुंभ और मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। शनि देव को लाल रंग अप्रिय है।इसलिए शनि देव के स्वामित्व वाली राशियों के लोग यदि हाथ में कलावा बांधते हैं, तो शनि देव उनसे नाराज हो जाते हैं।

वहीं एक कारण यह भी है कि कलावा का लाल रंग मंगल देव का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष में मंगल और शनि को एक दूसरे का शत्रु माना गया है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति कलावा बांधता है उससे माता लक्ष्मी और राम भक्त हनुमान प्रसन्न होते हैं. लाल रंग का कलावा हाथ में बांधने से कुंडली में मौजूद सूर्य और मंगल की स्थिति को मजबूती मिलती है साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
इसके साथ जो लोग रोजाना मांस का सेवन करते हैं उन्हें अपने हाथ में कलावा नहीं पहनना चाहिए।