हाल ही में हुए ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे (Balasore Train Accident) ने भारत को हिलाकर रख दिया है। ये हादसा इतना दिल दहला देने वाला था कि किसी को भी अपनी आँखों पैट विश्वास ही नहीं हुए। इसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा बताया जा रहा है जिसमें खबर लिखे जाने तक 288 लोगों के मौत की सूचना है. इससे पहले भारत का सबसे बड़ा रेल हादसा 1981 में बिहार में हुआ था जब ट्रेन नदी में गिर गई थी और इस हादसे में करीब 800 लोगों की मौत हो गई थी. पर दुनिया के सबसे बड़े रेल हादसे के सामने ये आंकड़े काफी कम हैं. ये हादसा श्रीलंका (Sri Lanka train accident) में हुआ था और इसने मौत का ऐसा भयानक (Worst train accident) रूप देखा था, जो पहले लोगों ने कभी नहीं देखा था।

ये रेल हादसा क्रिसमस के एक दिन बाद 26 दिसंबर 2004 को श्रीलंका (2004 Sri Lanka tsunami train wreck) में हुआ था. गार्जियन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार समुद्रदेवी (Queen of the Sea) नाम की ये ट्रेन कोलंबो शहर से गाले शहर जा रही थी. सुबह के साढ़े 6 बजे ट्रेन कोलंबो फोर्ट स्टेशन से 1500 पेड यात्री (जिनके पास टिकट थे) और कई अनपेड यात्रियों (जिनके पास टिकट नहीं थे या वो ट्रैवल पास धारक थे) को लेकर चली थी. ये ट्रेन श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिमी तट के पास, तेलवट्टा से होकर गुजरती थी जो समुद्र से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर था।
आ गई सुनामी मच गयी तबाही

सुबह के साढ़े 9 बजे, ट्रेन तेलवट्टा के पास पेरालिया गांव पहुंची थी जब भूकंप के कारण सुनामी आ गई और बीच पर पहली लहर आई. लहर काफी तेज थी जिसने बीच को तो डुबा ही दिया, साथ ही ट्रेन तक भी चली आई और ट्रेन को पानी से डुबो दिया. अंदर पानी भर गया तो लोग घबराकर ट्रेन के ऊपर चढ़ने लगे. बहुत से लोग ट्रेन के पीछे खड़े हो गए जिससे वो लहरों से बच सकें।
1700 लोगों ने गवाई थी जान

पर जब 10 मिनट बाद दूसरी लहर आई तो उसका रूप इतना विक्राल था कि उसने पूरी ट्रेन को अपने साथ बहा लिया. ट्रेन पास के घरों और पेड़ों से जाकर टकरा गई और इस हादसे में 1700 के करीब लोगों की मौत हो गई. आधिकारिक आंकड़ा 1700 था पर रिपोर्ट्स के अनुसार ये आंकड़ा 2000 से भी ज्यादा था. 900 लाशों को बरामद किया जा सका पर कई समुद्र के साथ ही बह गईं. सिर्फ 150 लोगों की जान इस हादसे में बच पाई थी।