विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। खतरनाक स्टेज पर वायु प्रदूषण पहुंच चुका है। पूरी दुनिया में इसे देखते हुए बचाने के लिए प्रयासों पर चर्चा की जाती रहती है। वहीं इसको लेकर एक्सपट्र्स अपनी राय देते हैं कि आज से ही हम अपने पर्यावरण को बचाने के लिए काम करेंगे तो हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए बहुत कुछ बचा जाएंगे।

बेंगलुरु की 68 साल की जेनेट येज्ञश्वरन ने पर्यावरण को बचाने के लिए पहले शुरु कर दी है और वह इसपर जोरों शोरों से काम भी कर रही हैं। जेनेट ने अकेले 75,000 पौधे लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया हुआ है। दरअसल जेनेट अपने पति की याद में सारे पौधे लगा रही हैं। 107 साल के पर्यावरणविद साल्लुमरदा थिमक्का से जेनेट को पौधे लगाने का ये खास आईडिया मिला है। इस साल उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया जा चुका है।

खबरों की मानें तो, जेनेट के पति आरएस यज्ञेश्वरन की मौत साल 2005 में हो गई थी। बड़े पैमाने पर बेंगुलुरु में विकास के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा था। इसी को देखते हुए जेनेट ने सोचा कि वह अपने आस-पास की चीजों पर बदलाव लाती हैं। जेनेट ने पेड़ों को काटे जाएंगे के खिलाफ अभियान की जगह एक कंस्ट्रक्टिव दिशा में काम करना शुरु किया। पौधे लगाने का अभियान जेनेट ने शुरू कर दिया।
शुरुआत की अपने घर से
इस पहले की शुरुआत जेनेट ने अपने घर से की उन्होंने सबसे पहले अपने बगीचे में पौधे लगाना शुरु किया। उसके बाद लोगों में जागरुकता पैदा करने का काम जेनेट ने शुरु किया। जेनेट ने जब लोगों को बताया तो उसमें से कई लोगों ने सहमति जाताई तो कहीं उनके साथ काम करने से अनिच्छुक दिखाई दिए। जब जेनेट को लोगों का सपोर्ट नहीं मिला तो वह निराश नहीं हुई थी और वह अपना काम करने लगी।

अभियान शुरु किया दो राज्यों में
जेनेट ने कर्नाटक और तमिलनाडु में पौधे लगाने के लिए भ्रमण किया। जिस समय जेनेट ने यह अभियान शुरु किया था तो उस समय उनकी जेब से ही ज्यादातर पौधे लगाने के लिए पैसे जाते थे। अब तो बड़े पैमाने में उनका यह अभियान फैल चुका है। अब तो लोग उन्हें पौधे लगाने के लिए डोनेशन भी देते हैं।

जो क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हो गए हैं उन क्षेत्रों में भी जेनेट काम कर रहीं हैं। जेनेट के प्रोजेक्ट का नाम Thengaja है। गाजा साइक्लोन से प्रभावित इलाकों में 1,000 नारियल के पौधे लगाने का उनका अब टार्गेट है।

लैंडस्केप डिजाइनिंग की पढ़ाई जेनेट ने की हुई है। इस बात की जेनेट को अच्छे से पता है किस जगह पर कितने पौधे लगाने की जरूरत है। जेनेट अपना अभियान संगठित तरीके से चला रही हैं। जेनेट ने बताया कि जो लोग उनसे किसी भी जगह पौधे लगाने के लिए बोलते हैं तो वह अपनी टीम के साथ वहां जाकर पौधे लगा देती हैं।