100 साल का एक कछुआ जो विलुप्ति की कगार होने पर पहुंची,लेकिन बावजूद इसके उसने अपनी पूरी प्रजाति को खत्म होने से बचा लिया है। अब डिएगो चेलोनोएडिस हूडेनसिस नामक प्रजाति के अस्तित्व पर जोरो-शोरों से खतरा मंडराया हुआ है। ऐसे में करीब 80 किलो के भारी भरकम डिएगो ने अहम उपलब्धि हासिल की है।

इस डिएगो नामक कछुए ने कोई एक-दो नहीं बल्कि 800 कछुओं को जन्म दिया है। वहीं 50 साल पहले इस प्रजाति के केवल 14 ही कछुए बचे थे। जबकि डिएगो टोटल 800 बच्चों के पिता हैं। डिएगो विलुप्त होने की कगार पर होने केब बाद भी अपनी पूरी प्रजाति को खत्म होने से बचा लिया।

ये कुछआ ब्रीडिंग सेंटर सैंटाक्रूज आइसलैंड में रहता है। गालापोगास पर ये इतनी बड़ी जगह पर रहते थे कि इनकी आबाजी बढऩे की वजह से मुसीबतें होने लगी। इसके बाद साल 1965 में डिएगो को 14 अन्य कछुओं के साथ ब्रीडिंग प्रोग्राम के जरिए दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित सांता क्रूज आइलैंड चिडिय़ाघर में लाया गया था।

इधर आने के बाद कम से कम 2000 कछुओं की आबादी और बढ़ गई। इसमें से 40 प्रतिशत यानी 800 कछुओं के जन्म में डिएगो की भूमिका रही है। जबकि पांच दशक तक अपनी प्रजाति बढ़ाने में भूमिका निभाने के बाद डिएगो को वापस उसके घर प्रशांत महासागर में मौजूद गालापोगास आइलैंड भेजना है।

डिएगो अब रिटायर्ड हो जानें के बाद अपने घर एस्पानोला जा रहा है। वहां पर करीब 1,800 कछुए वापस कर दिए गए हैं। बता दें कि गैलापागोस द्वीप समूह वन्यजीवों के देखने के लिए दुनिया के कुछ मुख्य स्थलों में से एक माना जाता है,क्योंकि ये खूबसूरत इलाकों में से एक है।