देश में लगातार कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। दिन ब दिन इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। भारत में 7000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि 600 से ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोरोना वायरस से मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले ज्यादा है। इस पर एक्सपर्ट्स ने भी कहा है कि कोरोना वायरस का खतरा पुरुषों में महिलाओं की तुलना में उतना अधिक है जितना बुजुर्गों में।

कोरोना वायरस से संक्रमित चीन और इटली में होने वालों और मरने वालों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या ज्यादा है। एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं का इम्यून सिस्टम पुरुषों की तुलना में ज्यादा मजबूत होता है। कोरोना वायरस से जितनी भी मौतें हुईं हैं आपको जानकार हैरानी होगी कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। लेकिन इस आंकड़ों से बिल्कुल भी वैज्ञानिक हैरान नहीं हैं। ऐसा ही कुछ फ़्लू सहित दूसरे संक्रमणों में भी देखने को मिला है।

इसके पीछे पुरुषों का लाइफस्टाइल भी मुख्य वजह है। दरअसल महिलाओं की तुलना में पुरुषों का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होता है। धूम्रपान और शराब महिलाओं की तुलना में उनके लाइफस्टाइल में ज्यादा होती है।
ज्यादा सक्रिय होता है प्रतिरक्षा तंत्र
यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया के एक प्रोफेसर ने इस पर बताया है कि, आंतरिक रूप से महिलाओं में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं पुरुषों से अलग होती हैं, ऑटो-इम्यून डिज़ीज़िस (प्रतिरक्षा तंत्र के अति सक्रिय होने के कारण होने वाली बीमारियां) महिलाओं में ज्यादा होने की संभावना होती है। इस बात कि पुष्टि भी हुई है कि बेहतर एंटीबॉडी महिलाएं फ़्लू के टीकों के लिए का उत्पादन करती हैं।

इसका जवाब आधिकारिक रूप से न है, लेकिन इसे लेकर संदेह विशेषज्ञों को है. शरीर में बहुत कुछ गर्भवस्था में होता है।इस दौरान कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी होती है। इसकी वजह से संक्रमण होने का खतरा महिलाओं में बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाओं की फ़्लू से मरने की संभावना समान उम्र की दूसरी महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। इसपर ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि कोई स्पष्ट संकेत इस बात के नहीं है कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करेगा।
कोरोना वायरस का खतरा बच्चों में
कोरोना वायरस का संक्रमण बच्चों को भी हो सकता है। कोरोना संक्रमित का बच्चों में अभी तक का मामला जो सामने आया है वह एक दिन के बच्चे को हुआ। कोविड-19 के लक्षणों के बारे में बच्चों के अंदर बहुत कम ही जानकारी सामने आयी है।बच्चों में हल्के-फुल्के बुखार जैसे, नाक बहना और खांसी यही कोरोना वायरस के लक्षण बच्चों में दिखाई देते हैं। इससे बीमार छोटे बच्चे भी हो सकते हैं।

ऐसा ही फ़्लू में होता है जिसमें पांच साल से कम उम्र दो साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। इस पर एक्सपर्ट्स ने कहा है कि, ज्यादा बीमार उम्र बढ़ने पर लोग बीमार होते हैं क्योंकि कम उनकी प्रतिरोधक क्षमता हो जाती है। जिन लोगों को अस्थमा की समस्या गंभीर होती है या उम्रदराज़ लोग या जिनका प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर होती है उन्हें संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है। लेकिन वायरस का असर बच्चों में हल्का पाया गया है।
अंतर होता है बच्चे और व्यस्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में

प्रतिरक्षा प्रणाली अपरिपक्व बचपन में होती है और अति प्रतिक्रिया वह कर सकती है। इसलिए कहते हैं कि सामान्य बात बुखार बच्चों में होता है। अति सक्रिय होना भी प्रतिरक्षा प्रणाली का सही नहीं है क्योंकि शरीर के बाक़ी हिस्सों को नुक़सान इससे हो सकता है। ये भी एक कारण कोरोना वायरस के घातक होने का भी है।