जहां भारत आखिरी टेस्ट मैच के पहले तीन दिन तक इंग्लैंड के सामने उसके होम ग्राउंड पर ही दहाड़ रहा था, वहीं चौथे दिन पूरी तरह से पस्त नजर आया. चौथे दिन भारत 245 रन पर ऑलआउट हो गया और मेजबानी कर रही इंग्लैंड को 378 रन का टारगेट चेज करने को दिया और जो पहले अनुमान लगाए जा रहे थे कि इस पिच पर चौथे इंनिंग में 250+ टारगेट चेज नहीं होते हैं, वो बस एक वहम बनकर रह गया और इंग्लैंड ने चौथे दिन के खेल खत्म होने तक अपने तीन विकेट खोकर 259 रन बना लिए और आखिरी टेस्ट के आखिरी दिन इंग्लैंड को मात्र 119 रन बनाने को रह गए है.

लेकिन इस सब के बीच सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या भारत के सलेक्सन कमिटी ने प्लेइंग-11 के लिए सही खिलाड़ीयों का चयन किया क्योंकि बात हो रही है कि भारत के टॉप-4 बल्लेबाज इस मैच में बिलकुल भी नहीं चले. शुभमन गिल, हनुमा विहारी, श्रेयस अय्यर और विराट कोहली का बल्ला इस मैच में बल्ला बिलकुल भी नहीं बोला. खैर विराट भले ही 2019 के बाद से अपने पहले वाले अंदाज में नहीं दिख रहे हैं पर इस खिलाड़ी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में जो क्रिर्तिमान रचा है, उसको देखते हुए उनपर सवाल खड़ा करना गलत होगा. इसके बाद आते है हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर पर, जिनको टीम में रखने का फैसला सही था या गलत. जैसे हम बात कर लेते हैं अजिक्य रहाणे कि, लोगों का मानना है कि रहाणे को प्लेइंग-11 में रखना चाहिए था, क्योंकि वो एक अनुभवी बल्लेबाज है और वो कहीं ना कहीं श्रेयस अय्यर से तो बेहतर प्रदर्शन करते.
