भारत कल इंग्लैंड से जीती हुई मैच हार गई और जीत का सारा श्रेय इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जाता है. एलेक्स लिस और जैक कॉव्ली की शानदार ओपनिंग और फिर जो रूट और जॉनी बेस्टो की अटूट 269 रन की साझेदारी ने इंग्लैंड को एक असंभव लक्ष्य तक आसानी से पहुंचा दिया.

हालांकि इंग्लैंड पहले से ही मन बना चुका था कि उसे कितने भी रन का टारगेट क्यों ना मिले, वो उसे चेज करेगा ही. इसका पहला कारण तो हमें इंग्लैंड की बल्लेबाजी में दिखी, जब ओपनिंग जोड़ी ने ड्रेसिंग रूम से मन बना कर निकले थे की हमें तेज खेलने हैं और जल्द से जल्द इस मैच को जीतना है.

वहीं दूसरा रीजन ये दिखा जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच के बाद ये कहा कि हम कहीं ना कहीं 450+ टारगेट को हासिल करने का सोच रहे थे पर हमें उससे कम ही मिला. स्टोक्स ने कहा कि जब टीम को क्या हासिल करना है, इस पर स्पष्टता होती है, तो यह चीजों को आसान बना देता है, यह कहते हुए कि उन्हें पता था कि टीम “गेट-गो” से पीछा करने जा रही थी. यानि कि जब भारत फिर से दूसरे इनिंग में लगभग अपने 5 विकेट फिर से जल्दी खो दिए थे, तभी इंग्लैंड ने अपनी रणनीति में परिवर्तन करके मैच में वापसी करना शुरू कर दिया था और जीत की गाड़ी के ड्राइविंग सीट पर खुद बैठ गए.

भारत जब मुकाबले के पहले तीन दिन तक इंग्लैंड से आगे चल रहा था और फिर जब मेजबान टीम वहां से जीत गई, उसपर भी स्ट्रोक्स ने कहा कि कभी-कभी टीम हमसे बेहतर हो सकती है, मगर कोई भी हमसे ज्यादा बहादुर नहीं हो सकता.

माना जा रहा है कि न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी ब्रैंडन मैकुलम वर्तमान में इंग्लैंड के कोच है और उन्होंने इंग्लैंड के खेलने का पूरा तरीका ही बदल दिया है. इंग्लैंड जब चौथे दिन मैदान पर खेलने उतरी तब ऐसा लगा भी था कि टीम अब अटैक करने वाली है, और वैसा ही हुआ, जिसके बाद मैच का रिजल्ट मेजबान टीम के पक्ष में गया भी.