प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया बरी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया बरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को 23 साल पुराने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को 23 साल पुराने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति अताउर रहमान मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने 2004 में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित उनके बरी करने के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार की अपील को खारिज कर दिया।साल 2000 में लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में छात्र नेता गुप्ता की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में टेनी, सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी और राकेश डालू को आरोपी बनाया गया था।
ट्रायल कोर्ट ने साल 2004 में टेनी को बरी कर दिया था, लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में बरी होने के खिलाफ अपील की थी। मृतक प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 397/401 के तहत पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी। टेनी पर आरोप लगाया गया था कि पंचायत चुनाव को लेकर उसका प्रभात गुप्ता (मृतक) से विवाद हुआ था और इसलिए गुप्ता को टेनी व अन्य आरोपियों ने गोली मार दी थी। दूसरी ओर, टेनी के वकीलों ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट ने कथित चश्मदीद गवाह की गवाही को विश्वसनीय नहीं पाया और अन्य गवाह मुकर गए। तीन बार मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
पहली बार 12 मार्च 2018 को जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था।दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 नवंबर 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और रेणु अग्रवाल ने फैसला सुरक्षित रखा था। तीसरी बार 21 फरवरी 2023 को जस्टिस मसूदी और शुक्ला की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था। इस बीच, प्रभात गुप्ता के परिवार के सदस्यों ने संवाददाताओं से कहा कि वे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उनके भाई ने कहा मामला 23 साल से चल रहा है और अब हमें बताया गया है कि कोई आरोपी नहीं है। मेरे भाई को मार दिया गया था, लेकिन अदालत का कहना है कि किसी ने उसे नहीं मारा।

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