उत्तर प्रदेश के बागपत में आपसी रंजिश के चलते बीजेपी नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या कर दी गई। पुलिस ने मयंक डांगर और अंकुश शर्मा नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने 315 बोर की एक देसी पिस्तौल भी बरामद की है।
पुलिस अधीक्षक (बागपत) अजय कुमार सिंह बुधवार को बताया कि जनपद बागपत बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर की हत्या में नामजद मयंक डांगर और अंकुश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों की उम्र 25 से 26 वर्ष के बीच है। इनके पास से 315 बोर की एक देशी पिस्तौल भी बरामद की गई है।
उन्होंने गिरफ्तार आरोपियों से की गई पूछताछ के आधार पर बताया कि साल 2018 में संजय खोखर के बेटे अक्षय से हुए झगड़े की रंजिश में ही इस वारदात को अंजाम दिया गया। संजय खोखर ने अपने बेटे अक्षय को संबंधित मामले में क्लीन चिट दिला दी थी। हत्या के मामले में पूर्व जिलाध्यक्ष के पुत्र मनीष की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों नितिन धनकड़, मयंक डांगर, विनीत, अंकुश शर्मा व एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।
उन्होंने बताया कि हत्या का कारण दो वर्ष पूर्व छपरौली कस्बे में हुआ विवाद था। इसी रंजिश में पांच आरोपियों ने तमंचों से गोली मारकर पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या की थी। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या के बाद सुरक्षा की दृष्टि से पूर्व जिलाध्यक्ष के मकान पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। उधर पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या के बाद शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का उनके मकान पर तांता लगा हुआ है।
इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मंगलवार को हुई इस घटना के बारे में बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि ‘‘पिछले दो सालों से मैं कह रहा हूं कि इस इलाके में अवैध हथियारों की भरमार है। शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां के 20 से 30 घरों में हथियार न हो, लोग इस बारे कुछ ज्यादा ही बोलते हैं।”
उन्होंने कहा कि ”अभियान चलाकर ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिनके पास ऐसे हथियार हैं। गुंडों और आपराधिक इतिहास रखने वालों और उनको राजनीतिक सरंक्षण देने वालों के खिलाफ बिना किसी दबाव में आये कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ बीजेपी की बागपत जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष संजय खोखर (52) की मंगलवार सुबह तिलवाड़ा मार्ग पर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।