लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक नहीं मिला न्याय : राकेश टिकैत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक नहीं मिला न्याय : राकेश टिकैत

तिकुनिया में 03 अक्तूबर 2021 को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों समेत आठ लोगों बरसी में शामिल होने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कार्यक्रम से एक दिन पहले रविवार की रात लखीमपुरखीरी के हाथीपुर गुरुद्वारा पहुंचे थे।

तिकुनिया में 03 अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों सहित आठ लोग भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की वर्षगांठ में शामिल होने के एक दिन पहले रविवार रात लखीमपुरखिरी के हाथीपुर गुरुद्वारे पहुंचे थे।  जहां राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है
3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता
घटना की पहली बरसी पर सोमवार को देशभर से किसान जुटेंगे। टिकैत ने कहा कि देश पिछले साल 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। कहा कि घटना की पहली बरसी पर सोमवार को देशभर से किसान जुटेंगे। टिकैत ने कहा कि देश पिछले साल 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। 
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि घटना की पहली बरसी पर सोमवार को देशभर से किसान इकट्ठा होंगे। टिकैत ने कहा कि देश पिछले साल 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। 
प्रदर्शनकारी केंद्र के तीन कृषि कानूनों का कर रहे थे विरोध
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में किसान 3 अक्टूबर 2021 को तिकुनिया गांव में प्रदर्शन कर रहे थे और इस दौरान कार से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई। इसके बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार समेत चार अन्य की मौत हो गई।
हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारी केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था। सोमवार को टिकैत हिंसा की पहली बरसी पर वे तिकुनिया क्षेत्र के कौड़ियाला घाट गुरुद्वारे में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे हैं। 

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