उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर, खतौली विधानसभा और मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है। इस दौरान समाजवादी पार्टी द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें के साथ पुलिस व प्रशासन पर लोगों को मतदान से रोके जाने का आरोप भी लगाया गया है। वहीं सपा ने ये भी कहा कि बीजेपी मुस्लिम वोटर्स को मतदान करने से रोक रही है।
सबकी निगाहें हालांकि मैनपुरी सीट पर हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव करते थे। मुलायम इस सीट से पांच बार निर्वाचित हुए थे। यह सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई है। मैनपुरी में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं वहीं बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक मैनपुरी में अपराह्न एक बजे तक करीब 31.64 प्रतिशत मतदान हो चुका था जबकि खतौली में करीब 33.20 प्रतिशत और रामपुर में लगभग 19.01 प्रतिशत लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे। मतदान जैसे-जैसे आगे बढ़ा सपा और बीजेपी दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
सपा ने पुलिस बल के इस्तेमाल का आरोप लगाने के साथ ही कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लोगों को वोट डालने से रोक रहे थे। बीजेपी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मैनपुरी के कुछ बूथों पर, “सपा के असामाजिक तत्व” लोगों को वोट डालने से रोक रहे थे और उसने चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की मांग की। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भी
मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने विपक्षी दल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सपा तीनों सीटों पर हारेगी। उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर और खतौली सीट पर क्रमश: सपा विधायक आजम खान तथा बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था।