उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य सरकार का बजट पेश किया। इसके बाद बजट पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मायावती ने कहा, यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा। क्या इस अवास्तविक बजट से यहाँ की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।
मायावती ने आगे कहा, यूपी भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहाँ महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?
बसपा प्रमुख ने कहा की यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी। बजट ऊँट के मुँह में जीरा।
उन्होंने कहा की लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रति व्यक्ति आय में अपेक्षित वृद्धि, रोजगार व सरकारी भर्ती आदि तो दूर, उन पर कर्ज का बढ़ता बोझ सरकार की गलत नीतियों व प्राथमिकताओं का प्रमाण। कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चे पर विफल हो रही है।
मायावती ने बताया उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन आज माननीया राज्यपाल का अभिभाषण लोगों को त्रस्त करती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन व अशान्त माहौल आदि के खास मामलों में सरकार द्वारा अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का निरर्थक प्रयास। कुल मिलाकर जनता को काफी मायूस करने वाला।
उन्होंने बताया यूपी में सत्ताभोगी तत्वों को छोड़कर, सरकारी दावों के विपरीत, आज हर वर्ग, समाज व समुदाय सरकार की संकीर्ण एवं द्वेषपूर्ण नीतियों व कार्यकलापों का भुक्तभोगी तथा उससे पीड़ित/दुःखी। लोगों को उनका हक व इंसाफ नहीं मिल पाना सरकार की सबसे बड़ी विफलता। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।