केंद्र सरकार ने अवैध गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई को गैर कानूनी संस्था करार करते हुए यूएपीए (UPA) एक्ट के तहत इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने PFI से जुड़े कई अन्य संबद्ध संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। पीएफआई के बन को लेकर लिए गए फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके आनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह है ‘नया भारत’। देश की एकता और अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी, अपराधी और संगठन और व्यक्ति यहां स्वीकार्य नहीं हैं।
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है।
यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 28, 2022
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई और उसके कई सहयोगियों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम पीएफआई के परिसरों पर छापेमारी और उसके कई सदस्यों की हुई गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है।
केंद्र सरकार के PFI पर प्रतिबंध वाले फैसले को जोरदार समर्थन मिल रहा है। वहीं कई लोग इसका विरोध भी कर रहे है। मंगलवार को संगठन से जुड़े 170 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, 5 दिन पहले इसी तरह की छापेमारी के बाद 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि पीएफआई ने केरल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में इस कार्रवाई का हिंसक विरोध किया था।