जुर्म की दुनिया से राजनीति में अपनी जगह बनने वाले अतीक अहमद भले अब इस दुनिया में न लेकिन उसके बनाये जुर्म के साम्राज्य के मोहरे अभी सक्रिय है। अहमद भाइयो की हत्या के बाद विपक्ष उत्तरप्रदेश पुलिस की सुरक्षा वयवस्था पर हमलावर था। हालंकि अतीक और उसके भाई की हत्यारो को तुरंत पुलिस ने मौके पर ही जिन्दा पकड़ अदालत के सामने पेश कर दिया था। अतीक की पत्नी और उसका सहयोगी गुड्डू अभी भी फरार है।
सक्रिय सहयोगी की पहचान अब्दुल कवि के रूप
माफिया से नेता बने दिवंगत अतीक अहमद के सहयोगी के घर से भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। सक्रिय सहयोगी की पहचान अब्दुल कवि के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “सराय अकील पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में आरोपी अब्दुल कवि को 36 घंटे के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। एसपी ने कहा, “उसकी निशानदेही पर 12 बोर और .315 बोर की 20 पिस्तौल सहित कारतूस, एक रिवाल्वर और विस्फोटक सहित अवैध हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। सराय अकील थाना क्षेत्र के भाकंडा गांव में कवि के घर से जब्ती की गई है। आगे की जांच चल रही है।
गोली मार की गई थी हत्या
गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को इस साल 15 अप्रैल की रात पत्रकारों के रूप में पेश करने वाले लोगों ने गोली मार दी थी, जब उन्हें प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था। तीनों हमलावरों – अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी – को जिला अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अतीक अहमद 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या और इस साल फरवरी में उस मामले के एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या का भी आरोपी था।