समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं।बता दें कि स्वामी प्रसाद के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।बीते सोमवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा में धार्मिक भावनाओं को भड़काने व आहत करने वाला नारा दिया था, जिसके बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश व्याप्त है।

आपको बता दें कि अखिलेश यादव दीन शाह गौरा स्थित महाविद्यालय में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण व जनसभा के कार्यक्रम में पहुंचे थे।जहां स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनसभा को संबोधित करते हुए ‘मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए श्रीराम का नारा’ का नारा लगवाया, मौर्य ने कहा मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए…’ जिसके बाद सभा में आए लोगों ने ‘जय श्रीराम’ कहा. इस नारे को लेकर हिन्दू संगठनों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

दरसअल, स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले काफी समय से रामचरितमानस से लेकर, मंदिर ना जाने जैसी बातें भी पहले कर चुके हैं. यही नहीं उन्होंने साधु संतों को लेकर भी कई अभद्र टिप्पणियों की, जिसकी वजह से प्रदेश की सियासत में काफी गरमी देखने को मिली थी।दीन शाह गौरा में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करके अखिलेश यादव ने दलितों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया तो वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार पिछड़ों, अति पिछड़े और दलित वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं।