उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान जारी है। इस चरण में नौ जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि किसान भाजपा सरकार के इस अन्याय को भूलेंगे नहीं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में पिछले चार महीने से हिरासत में चल रहे आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी गई थी। उसके एक दिन पहले ही हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों ने इस घटना के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मृतक किसानों के परिजनों ने हिंसा में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है।
भाजपा ने सारी ताकत मंत्री के बेटे को बचाने में लगाई : प्रियंका गांधी
पीड़ित परिवार के इसी फैसले को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, कितनी शर्मनाक बात है कि लखीमपुर किसान नरसंहार के पीड़ित परिवारों को खुद माननीय उच्चतम न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगानी पड़ रही है। यह जिम्मेदारी सरकार की थी, लेकिन भाजपा ने सारी ताकत मंत्री के बेटे को बचाने में लगाई। किसान भाजपा सरकार के इस अन्याय को भूलेंगे नहीं।”

मतदान करने के लिए की अपील
वहीं इससे पहले प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “उप्र के मेरे प्यारे बहनों-भाइयों आपको मुद्दों से भटकाने की लाख कोशिशें होंगी। लेकिन आपका वोट अगर रोजगार, रोजी-रोटी, अच्छी शिक्षा व सेहत, महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पड़ेगा, तभी उत्तरप्रदेश की बेहतरी संभव है। प्रदेश को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए जिम्मेदारी से मतदान करें।”
उप्र के मेरे प्यारे बहनों-भाइयों
आपको मुद्दों से भटकाने की लाख कोशिशें होंगी। लेकिन आपका वोट अगर रोजगार, रोजी-रोटी, अच्छी शिक्षा व सेहत, महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पड़ेगा, तभी उत्तरप्रदेश की बेहतरी संभव है।
प्रदेश को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए जिम्मेदारी से मतदान करें।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 23, 2022
पिछले वर्ष हुई थी घटना
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। चारों किसानों को कथित तौर पर एक एसयूवी कार ने कुचल दिया था। ये किसान एक कार्यक्रम से कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर वापस लौट रहे थे।