चीन पर फिर भड़का अमेरिका, कहा- LAC पर कोई हरकत करे तो मुंहतोड़ जवाब दो - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

चीन पर फिर भड़का अमेरिका, कहा- LAC पर कोई हरकत करे तो मुंहतोड़ जवाब दो

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों से मुलाकात की। भारत के आर्मी चीफ हों या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने हाल ही में अरुणाचल से सटी सीमा का दौरा किया था और अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों से मुलाकात की। भारत के आर्मी चीफ हों या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने हाल ही में अरुणाचल से सटी सीमा का दौरा किया था और अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था। जिनपिंग को लगा कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो उनके सैनिक हतोत्साहित हो जाएंगे। लेकिन उसकी ये चाल उल्टी पड़ गई। अमेरिका ने कहा कि LAC में किसी भी तरह के एकतरफा प्रयास और घुसपैठ का वो विरोध करता है।
सेना को पीछे करने के इच्छुक
अमेरिका बार-बार चीन को एलएसी में उसकी हरकतों को लिए रोकता आया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एलएसी पर तैनात सैनिकों से मिलकर एक बात तो जाहिर कर दी कि वो यहां से सेना को पीछे करने के इच्छुक नहीं है। इसी के साथ अमेरिका ने कहा है कि अगर कोई भी एकतरफा कार्रवाई होती है ति इसकी तुरंत जांच और डटकर मुकाबला करना चाहिए। 
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अमेरिका रख रहा है स्थिति पर नजर
अमेरिका के उप प्रेस प्रवक्ता वेदांत पटेल ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही। उन्होंने दोनों देशों के बीच मौजूदा स्थिति पर कहा कि वो बारीकी से निगरानी कर रहा है। पटेल ने कहा कि हम सीमा पार या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ, सैन्य या नागरिक द्वारा क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं। पटेल ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन से अपील करता है कि वो अपने विवादित बिंदुओं पर बातचीत करके कोई समाधान निकाले।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों से मुलाकात
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों से मुलाकात की। भारत के आर्मी चीफ हों या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने हाल ही में अरुणाचल से सटी सीमा का दौरा किया था और अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था। जिनपिंग को लगा कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो उनके सैनिक हतोत्साहित हो जाएंगे। लेकिन उसकी ये चाल उल्टी पड़ गई। अमेरिका ने कहा कि में किसी भी तरह के एकतरफा प्रयास और घुसपैठ का वो विरोध करता है।
 एलएसी में उसकी हरकतों को लिए रोकता आया
अमेरिका बार-बार चीन को एलएसी में उसकी हरकतों को लिए रोकता आया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एलएसी पर तैनात सैनिकों से मिलकर एक बात तो जाहिर कर दी कि वो यहां से सेना को पीछे करने के इच्छुक नहीं है। इसी के साथ अमेरिका ने कहा है कि अगर कोई भी एकतरफा कार्रवाई होती है ति इसकी तुरंत जांच और डटकर मुकाबला करना चाहिए।
अमेरिका रख रहा है स्थिति पर नजर
अमेरिका के उप प्रेस प्रवक्ता वेदांत पटेल ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही। उन्होंने दोनों देशों के बीच मौजूदा स्थिति पर कहा कि वो बारीकी से निगरानी कर रहा है। पटेल ने कहा कि हम सीमा पार या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ, सैन्य या नागरिक द्वारा क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं। पटेल ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन से अपील करता है कि वो अपने विवादित बिंदुओं पर बातचीत करके कोई समाधान निकाले।
भारत का मजबूत साझेदार है अमेरिका
पटेल ने कहा कि भारत कई जगहों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए पसंद का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसमें व्यापार सहयोग, सुरक्षा सहयोग और तकनीकी सहयोग भी शामिल है। एक दिन पहले पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने कहा कि चीन के साथ पूर्वी सीमा पर हालात ‘स्थिर’ हैं लेकिन सीमा के बारे में अपरिभाषित धारणाओं के कारण उसको लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। 
पूर्वी कमान का साफ संदेश
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की निगरानी का जिम्मा पूर्वी कमान पर है। लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने यह भी कहा कि सेना सीमा पार गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, पूरी समस्या इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि भारत और चीन की सीमा अपरिभाषित है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं, जिनसे समस्याएं पैदा होती हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन उसको लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है और इसका कारण सीमाओं का निर्धारण नहीं होना है।’
पटेल ने कहा कि भारत कई जगहों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए पसंद का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसमें व्यापार सहयोग, सुरक्षा सहयोग और तकनीकी सहयोग भी शामिल है। एक दिन पहले पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने कहा कि चीन के साथ पूर्वी सीमा पर हालात ‘स्थिर’ हैं लेकिन सीमा के बारे में अपरिभाषित धारणाओं के कारण उसको लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। 
पूर्वी कमान का साफ संदेश
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की निगरानी का जिम्मा पूर्वी कमान पर है। लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने यह भी कहा कि सेना सीमा पार गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, पूरी समस्या इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि भारत और चीन की सीमा अपरिभाषित है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं, जिनसे समस्याएं पैदा होती हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन उसको लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है और इसका कारण सीमाओं का निर्धारण नहीं होना है।’

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