40 साल पुराना हिजाब क़ानून बदलने को तैयार ईरान सरकार, सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी सरकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

40 साल पुराना हिजाब क़ानून बदलने को तैयार ईरान सरकार, सैकड़ों लोगों की मौत के बाद झुकी सरकार

ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन ने विकराल रूप ले लिया है।जहाँ अब ईरान सरकार 40 साल पुराने हिजाब क़ानून में बदलाव करने को तैयार हो गई है।अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बदलाव किया किए जाएंगे।लेकिन ये बता दिया गया है कि ईरान सरकार कानूनों में बदलाव करेगी।

ईरान में दो महीने से हिजाब को लेकर प्रदर्शन जारी है।जहाँ अब ईरान सरकार  40 साल पुराना हिजाब क़ानून बदलने को तैयार हो गई है।आपको बता दें कि ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना ज़रूरी है।अगर वो ऐसा नहीं करतीं तो उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही होती है
चालीस साल पुराना हिजाब  क़ानून बदलेगी ईरान सरकार
ईरान में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन  ने विकराल रूप ले लिया है।जहाँ अब ईरान सरकार 40 साल पुराने हिजाब क़ानून में बदलाव करने को तैयार हो गई है।अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बदलाव किया किए जाएंगे।लेकिन ये बता दिया गया है कि ईरान सरकार कानूनों में बदलाव करेगी।
22 साल की अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ आंदोलन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 16 सितंबर को कुर्दिश ओरिजिन की बाईस साल की आमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।हिसाब रखने की वजह से पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया था।हालाँकि ईरान प्रशासन लगातार सफ़ाई दे रहा है कि मौत एक हादसा थी।लेकिन अमीनी की मौत के बाद आंदोलन शुरू हुआ और कई देशों तक पहुँच गया।जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई।
300 से ज़्यादा लोगों की हुई आंदोलन में मौत
अप्रैल 19,83 में ही ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना ज़रूरी है।अमेरिका आधारित राजशाही को उखाड़ने के बाद जब से ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई है,उसके बाद हिजाब को ज़रूरी बना दिया गया ।ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर्स के एक जनरल ने कहा कि अमीनी ने की मौत के बाद आंदोलन के चलते क़रीब 3 लोगों की जानें जा चुकी है।
14,000 लोगों की हुई गिरफ़्तार
कुछ मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि 448 से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।वहीं UN राइट्स चीफ़ ने इस पर कहा है कि ईरान में बच्चों और महिलाओं समेत 14, हज़ार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।क्योंकि आंदोलन में सक्रिय थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि ईरान सरकार आगे क्या  फ़ैसला लेती है।

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