नाटो प्रमुख, जो देश में रूसी सेना के आक्रमण के बाद पहली बार यूक्रेन का दौरा कर रहे हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टॉल्टनबर्ग पिछले साल रूस के आक्रमण के बाद से पहली बार यूक्रेन पहुंचे हैं। नाटो के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, “नाटो महासचिव यूक्रेन में हैं। हम जल्द से जल्द और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे।” इस बीच, रूस ने आगाह किया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए। रूस युद्ध को लेकर कई और अलग-अलग तरह के स्पष्टीकरण दे चुका है, लेकिन वह हालिया वर्षों में उसके आसपास के देशों के नाटो में शामिल होने पर कई बार चिंता जाहिर कर चुका है। रूस को डर है कि यूक्रेन भी नाटो में शामिल हो सकता है।

पुतिन को बड़ा झटका लगा था
नाटो की स्थापना सोवियत संघ पर शिकंजा कसने के लिए की गई थी। लंबे समय से यह आशंका जताई जा रही है कि नाटो परमाणु शक्ति संपन्न रूस के खिलाफ युद्ध में कूद सकता है। इस महीने की शुरुआत में फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका लगा था। स्थानीय मीडिया में स्टॉल्टनबर्ग की तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं, जिनमें वह कीव के सेंट माइकल स्कवायर पर यूक्रेन के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते दिख रहे हैं। सांकेतिक महत्व के अलावा स्टॉल्टनबर्ग की इस यात्रा का सही मकसद तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है।

युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन आए थे
यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है। 31 देशों का यह संगठन यूक्रेन सरकार को केवल जनरेटर, चिकित्सा उपकरण, सैन्य वर्दियां या अन्य सामान की आपूर्ति करता है। स्टॉल्टनबर्ग युद्ध के दौरान नाटो की ओर से आवाज उठाते रहे हैं और वह यूक्रेन के लिए 31 सदस्य देशों का समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।स्टॉल्टनबर्ग युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन आए थे, लेकिन युद्ध के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। उनकी यह यात्रा यूक्रेन की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर नाटो की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
रूस का एक लक्ष्य रहा है
इस बीच, रूस सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकना रूस का एक लक्ष्य रहा है। पेस्कोव ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से हमारे देश और इसकी सुरक्षा के सामने गंभीर खतरा पैदा होगा।