Pakistan News: अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान वार्ता के लिए जरदारी के पास पहुंचे थे, ऑडियो हुआ वायरल - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

Pakistan News: अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान वार्ता के लिए जरदारी के पास पहुंचे थे, ऑडियो हुआ वायरल

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज हुसैन के बीच टेलीफोन पर हुई कथित बातचीत की एक लीक ऑडियो रिकार्डिंग में रियाज यह कहते सुने जा सकते हैं कि खान सुलह वार्ता के लिए जरदारी से संपर्क करना चाहते थे।

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज हुसैन के बीच टेलीफोन पर हुई कथित बातचीत की एक लीक ऑडियो रिकार्डिंग में रियाज यह कहते सुने जा सकते हैं कि खान सुलह वार्ता के लिए जरदारी से संपर्क करना चाहते थे। मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया है। यह ऑडियो रिकार्डिंग 32 सेंकेंड की है और माना जाता है कि इसमें जरदारी तथा रियाज की आवाज है। यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
इमरान  खान ने इन अटकलों के बीच धरना खत्म किया
 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान के सरकार विरोधी अपना धरना अचानक खत्म करने के कुछ ही दिनों बाद यह ऑडियो सामने आया है। खान ने इन अटकलों के बीच धरना खत्म किया था कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान सेना के बीच एक सौदेबाजी हुई है। डॉन अखबार की रविवार की खबर के अनुसार इस कथित बातचीत में जरदारी को रियाज यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि खान उन्हें संदेश भेज रहे हैं। हालांकि, यह बातचीत किस तारीख को हुई थी इस बारे में पता नहीं चल पाया है। रियाज ने पूर्व राष्ट्रपति से कहा, ‘‘आज उन्होंने (इमरान खान ने) कई संदेश भेजे हैं।’’ यह आवाज रियाज की मानी जा रही है। वहीं, इसपर जरदारी ने कहा, ‘‘ अब असंभव है।’’
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अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से बेदखल कर दिये
 अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक  खान की पार्टी ने तत्काल इस ऑडियो को ‘फर्जी’ बताकर खारिज कर दिया, लेकिन जरदारी की पार्टी पीपीपी (पाकिस्तान पीपल्स पार्टी) ने कहा, ‘‘ यह वास्तविक जान पड़ता है।’’ अखबार ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता शहबाज गिल के हवाले से कहा, ‘‘ एक कारोबारी एवं इमरान खान विरोधी एक नेता के बीच बातचीत हुई जिसे इमरान खान से जोड़ा जा रहा है। लेकिन इस बातचीत का हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से बेदखल कर दिये गये खान उस वक्त सेना का समर्थन खो बैठे थे, जब उन्होंने पिछले साल आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति पर मुहर लगाने से इनकार कर दिया था। खान अपने विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी साजिश का परिणाम बता रहे हैं। खान ने शुक्रवार इन खबरों का खंडन किया कि आम चुनाव की मांग संबंधी आजादी रैली खत्म करने के लिए उन्होंने सेना के साथ सौदेबाजी की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने खून-खराबा रोकने के लिए अपना मार्च खत्म करने का निर्णय लिया।

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