टाइम मैगजीन ने एक भारतीय मूल की अमेरिकी किशोर लड़की गीतांजलि राव को अपने कवर पेज पर ‘किड ऑफ द ईयर’ के रूप में छापा है। गीतांजलि को 5,000 से अधिक नामांकित लोगों में से चुना गया है। गीतांजलि ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ओपियम की लत से और साइबरबुलिंग से लोगों को निकालने में आश्चर्यजनक सफलता हासिल की है।
एक सफेद लैब कोट में, हाथ में पदक पकड़े हुए, गीतांजलि राव को 14 दिसंबर की टाइम मैगजीन के कवर पर दिखाया गया है। तस्वीर में वो एक सफेद बेंच पर बैठी हुई है और उसके कंधे तक की लंबाई के बाल हवा में उड़ रहे हैं। गीतांजलि से इंटरव्यू लेने वाली एंजेलिना जोली लिखती हैं, वीडियो चैट पर भी, उनका तेज दिमाग और अन्य युवाओं के लिए प्रेरक संदेश साफ झलकता है। गीतांजलि का कहना है कि हर समस्या को ठीक करने की कोशिश मत करो, उसी पर फोकस करो जिससे आप उत्तेजित हों।
गीतांजलि का नवीनतम नवाचार एक ऐप किंडली और एक क्रोम एक्सटेंशन है – जो साइबरबुलिंग का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करता है। जूम कॉल पर गीतांजलि राव ने जोली को समझाया, मैंने कुछ शब्दों में हार्ड-कोड करना शुरू किया, जिसे बुलिंग माना जा सकता है और फिर मेरे इंजन ने उन शब्दों को पहचान लिया जो एक समान हैं। आप एक शब्द या वाक्य टाइप करते हैं और अगर यह बुलिंग है, तो इसे पिक कर लेता है। यह आपको इसे एडिट करने या इसे भेजने का विकल्प देता है।
गीतांजलि राव ने कहा, ये किसी को सजा देने के लिए नहीं है। एक किशोरी के रूप में, मुझे पता है इस उम्र के लोग कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं। इसके बजाय, यह आपको यह बताने का मौका देता है कि आप क्या कह रहे हैं ताकि आप जान सकें कि अगली बार आपको क्या करना है।
