स्टेट ऑफ द वल्र्ड संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत केंद्रित मुद्दों पर बात की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

स्टेट ऑफ द वल्र्ड संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत केंद्रित मुद्दों पर बात की

ऐसा लगता है कि वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) दावोस वर्चुअल समिट ने पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक एजेंडा तय कर दिया है, जो सोमवार शाम 8.30 बजे अपना विशेष भाषण देने वाले हैं।

ऐसा लगता है कि वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) दावोस वर्चुअल समिट ने पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक एजेंडा तय कर दिया है, जो सोमवार शाम 8.30 बजे अपना विशेष भाषण देने वाले हैं।
भारत ने हाल ही में एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की
डब्ल्यूईएफ ने पहले ही अपनी भारत केंद्रित रिपोर्ट में कई चीजों का उल्लेख किया है, जिसमें कोविड-19 की वजह से भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली पर पड़े दबाव से लेकर जलवायु परिवर्तन तक और विशेष रूप से मुंबई की बाढ़ का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भारतीय स्कूली बच्चों के कोविड के प्रभाव से लेकर जनता के बीच नई उभरती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं तक को इसमें शामिल किया गया है।
भारत पर एक हालिया डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट में कहा गया है, भारत ने हाल ही में एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा की है। 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने के लिए भारत की महत्वाकांक्षी पांच-भाग पंचामृत प्रतिज्ञा ग्लासगो में सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वंचित परिवारों के लगभग 40 प्रतिशत छात्र स्कूल बंद होने के दौरान पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। भारत में चार में से केवल एक बच्चे तक ही डिजिटल डिवाइस तक पहुंच है और ग्रामीण भारत में लगभग आधे बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने का कोई साधन नहीं है।
रिपोर्ट में स्कूली बच्चों पर लॉकडाउन के प्रभाव के बारे में बताया
नतीजतन, भारत साक्षरता के स्तर में महत्वपूर्ण गिरावट का अनुभव कर रहा है। डब्ल्यूईएफ ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह आशंका है कि इससे और बच्चे स्कूल छोड़ सकते हैं। इस तरह कोविड-19 लॉकडाउन ने भारत के स्कूली बच्चों को प्रभावित किया है। इस रिपोर्ट में वंचित स्कूली बच्चों पर लॉकडाउन के प्रभाव के बारे में बताया गया है। यह कहते हुए कि सरकार और उद्योग भारत में महिला व्यापारियों का समर्थन करने के लिए थिंक-टैंक, नागरिक समाज और सामुदायिक नेटवर्क ला रहे हैं, लैंगिक असमानता पर डब्ल्यूईएफ ने पहले ही भारत सरकार के दावों के बारे में गंभीर सवाल उठाए हैं।
उदाहरण के लिए, किफायती मोबाइल डेटा, सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा और उद्यमशीलता नवाचार सभी उपाय हैं, जिन्होंने डिजिटल भुगतान की मात्रा में वृद्धि की है, लेकिन अभी भी कई बाधाएं हैं, जो महिलाओं के लिए विशिष्ट हैं और सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक विश्वास है।
2 फीसदी किराना स्टोर का डिजिटलीकरण 
भारत में किराना स्टोर का एक उदाहरण देते हुए, डब्ल्यूईएफ का कहना है कि 1.2 करोड़ किराना स्टोर 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं और देश के 35 खरब रुपये के खाद्य और किराने के सामान के बाजार में 95 प्रतिशत का योगदान करते हैं। हालांकि, अब तक केवल 2 फीसदी किराना स्टोरों का ही डिजिटलीकरण किया गया है। महिलाओं और ग्रामीण व्यापारियों के लिए तो यह दर बहुत कम है।
दावोस एजेंडा 2022 विश्व के नेताओं को एक मंच पर साथ ला रहा है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व की वत्र्तमान स्थिति (स्टेट ऑफ द वल्र्ड) पर विशेष भाषण देंगे। यह वर्चुअल कार्यक्रम 17 से 21 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। इसे विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों द्वारा संबोधित किया जाएगा, जिनमें जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुआ वॉन डेर लेयेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो. इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट शामिल हैं।
महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार-विमर्श
इसके अलावा इसमें पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व अन्य भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियां, अंतर्राष्ट्रीय संगठन और नागरिक समाज भी भाग लेंगे, जो दुनिया की वत्र्तमान महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

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