सैन्य तख्तापलट के खिलाफ एक बार फिर से सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

सैन्य तख्तापलट के खिलाफ एक बार फिर से सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

म्यांमा में सेना के तख्तापलट के खिलाफ लोग मंगलवार को एक बार फिर कई शहरों में सड़कों पर उतर आए जबकि सुरक्षा बलों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिये उनपर आंसू गैस के गोले दागे।

म्यांमा में सेना के तख्तापलट के खिलाफ लोग मंगलवार को एक बार फिर कई शहरों में सड़कों पर उतर आए जबकि सुरक्षा बलों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिये उनपर आंसू गैस के गोले दागे। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं, जब देश के राजनीतिक संकट पर चर्चा करने के लिए दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री बैठक करने को तैयार हैं। 
म्यांमा में हिंसा के कारण बिगड़ती स्थिति के बीच ‘दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन’ की एक विशेष बैठक प्रस्तावित है। देश में नए सैन्य शासन ने सप्ताहांत में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल बढ़ा दिया था और एक फरवरी को तख्तापलट होने के बाद सू ची की निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल किये जाने की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन को कुचलने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था कि इस बात की ‘‘पुख्ता जानकारी’’ है कि म्यांमा में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर रविवार को हुई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए है और 30 से अधिक घायल हुए है। स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन ‘असिस्टेंस असोसीएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर’ के अनुसार, अधिकारियों ने सप्ताहांत में एक हजार से अधिक लोगों हिरासम में भी लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में एसोसिएटेड प्रेस के थीन ज़ॉ सहित कम से कम सात पत्रकार भी शामिल हैं। म्यांमा में तख्तापलट के बाद से कम से कम 20 से अधिक पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है। 
यांगून के हलेडन इलाके में मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्रित किए, जहां पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। कई प्रदर्शनकारी यहां हेलमेट पहन कर पुहंचे। गिरफ्तार करने और उन्हें खदेड़ने के लिए सुरक्षा बलों को आगे आने से रोकने के लिये उन्हें वहां बांस और मलबे का इस्तेमाल कर बैरीकेड बनाए। इन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पुलिस लाइंस में गाने गए। 
प्रदर्शनकारियों पर मंगलवार को भी आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसके बाद कई प्रदर्शनकारी पहले वहां से चले गए, लेकिन बाद में वापस अपने अवरोधकों के पास लौट आए। दक्षिणपूर्वी म्यांमा के छोटे शहर डवे में भी प्रदर्शनकारी झंडे, तख्तियां लेकर सड़कों पर नजर आए। पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोलों, रबर की गोलियों के इस्तेमाल से बचने के लिए कई लोग हाथ में ढाल लिए भी नजर आए। डवे में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में पांच लोग मारे गए थे। 
म्यांमा में एक फरवरी को सेना ने तख्तापलट कर देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। सेना का कहना है कि आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही। 

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