यूक्रेन और रूस के बीच अभी तक जंग खत्म नहीं हुई है। ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि रूस की महिलाएं आंदोलन पर उतर आई है और मांग की जा रही है की जबरदस्ती बिना किसी ट्रेनिंग के उनके पतियों और बेटे को जंग लड़ने के लिए न भेजा जाए। बता दें यूक्रेन से जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने ही देश में अपने ही लोगों के बीच घिरने लगे हैं।
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रूस की जनता पुतिन के हुई खिलाफ
इतना ही नहीं रूसी महिलाओं के एक समूह ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आह्वान किया है कि वे उनके पतियों और बेटों को बिना उचित और पर्याप्त प्रशिक्षण के हमलावर समूहों में शामिल होने के लिए मजबूर कर “वध के लिए” न भेजें। सूत्रों के मुताबिक एक वीडियो में विरोध करते हुए महिलाओं ने कहा कि सितंबर में उनकी लामबंदी के बाद से सिर्फ चार दिनों के प्रशिक्षण के बावजूद उनके प्रियजनों को मार्च की शुरुआत में “हमला समूहों में शामिल होने के लिए मजबूर” किया गया था। वीडियो में महिलाओं के हाथों में रूसी भाषा में लिखी हुई एक तख्ती पकड़े हुए दिखाया गया है, जिस पर लिखा है, “580 सेपरेट हॉवित्जर आर्टिलरी डिवीजन,” दिनांक 11 मार्च, 2023″ वीडियो क्लिप में एक महिला कहती दिख रही हैं, “मेरे पति दुश्मन के सामने उस लाइन पर खड़े हैं, जहां कभी भी जान जा सकती है।”
महिला ने आगे कहा, “हमारे पुरुषों को वध करने के लिए सीमा पर मेमनों की तरह भेजा जा रहा है। भारी हथियारों से लैस 100 दुश्मन पुरुषों के खिलाफ एक समय में सिर्फ पांच रूसी जवान भेजे जा रहे हैं। यह तो कसाईखाने में भेजने जैसा है।” देखा जाए तो ये पहली बार नहीं है कि रूस की जनता खुद अपने देश के फैसलों से खुश नहीं है।