काला सागर में डूबा रूसी युद्धपोत 'मोस्कवा', जेलेंस्की बोले- 50 दिन तक जीवित रहने पर होना चाहिए गर्व - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

काला सागर में डूबा रूसी युद्धपोत ‘मोस्कवा’, जेलेंस्की बोले- 50 दिन तक जीवित रहने पर होना चाहिए गर्व

यूक्रेन की सेना ने काला सागर में तैनात रूसी लड़ाकू बेड़े में शामिल युद्धपोत ‘मोस्कवा’ पर मिसाइल से हमला किया जो क्षतिग्रस्त होने के बाद डूब गया।

रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध को 50 दिन से ज्यादा हो चुकें हैं और अभी भी रूसी सेना के ताबड़तोड़ हमले जारी है। इस बीच गुरुवार को यूक्रेन की सेना ने काला सागर में तैनात रूसी लड़ाकू बेड़े में शामिल युद्धपोत ‘मोस्कवा’ पर मिसाइल से हमला किया जो क्षतिग्रस्त होने के बाद डूब गया। यूक्रेन ने कहा है कि, उनकी सेना ने युद्धपोत पर मिसाइल हमले किए थे, जबकि रूस ने दावा किया है कि मोस्कवा आग लगने से क्षतिग्रस्त हुआ था और उस पर कोई मिसाइल हमला नहीं हुआ था। गौरतलब है कि राजधानी कीव सहित देश के उत्तरी हिस्से से पीछे हटने के बाद रूस पूर्वी यूक्रेन पर हमले की तैयारियों में जुटा है। ऐसे में युद्धपोत का डूबना रूस के लिए बड़ी सांकेतिक हार माना जा रहा है।
युद्ध में 50 दिन तक जीवित रहने पर काफी गर्व होना चाहिए : जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गुरुवार रात देश के नाम दिए वीडियो संबोधन में रूसी युद्धपोत के डूबने की ओर इशारा किया।  जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों से कहा कि, उन्हें इस युद्ध में 50 दिन तक जीवित रहने पर काफी गर्व होना चाहिए, जबकि रूस ने उन्हें सिर्फ पांच दिन दिए थे। यूक्रेन ने कैसे रूसी आक्रमण का सामना किया है, इस बात का जिक्र करते हुए जेलेंस्की ने कहा, जिन्हें लगता था कि समुद्र के तल में पहुंचने के बाद भी रूसी युद्धपोत बच सकता है। अपने संबोधन में उन्होंने युद्धपोत का बस इतना ही जिक्र किया। वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि युद्धपोत एक बंदरगाह पर ले जाते समय आए तूफान में डूब गया।
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जहाज डूबने से पहले सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया
मंत्रालय के मुताबिक, युद्धपोत पर आमतौर पर 500 नाविक तैनात होते हैं और इसके डूबने से पहले ही चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित उतार लिया गया था, जिसके बाद उस पर लगी आग पर भी काबू पा लिया गया था। युद्धपोत लंबी दूरी की 16 मिसाइलें ले जाने की क्षमता रखता था। जानकारों का कहना है कि, युद्धपोत के डूबने से काला सागर में रूस की सैन्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, यह घटना पहले से ही एक बड़ी ऐतिहासिक भूल के रूप में देखे जाने वाले यूक्रेन युद्ध में रूस की प्रतिष्ठा के लिए बड़ा झटका भी है।

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