United Nations : वैश्विक अर्थव्यवस्था के उत्पन्न खतरे को लेकर चेताया - महासचिव गुटेरेस - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

United Nations : वैश्विक अर्थव्यवस्था के उत्पन्न खतरे को लेकर चेताया – महासचिव गुटेरेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि विकासशील देश सबसे अधिक जोखिम में हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई को लेकर विश्व में अशांति का माहौल बना हुआ हैं। इन दोनों देशों के आपसी मतभेदों को लेकर अनेकों देशों में वार्ता का माहौल बना हुआ हैं। हालांकि, रूस अपनी उग्रवादी नीति को यूक्रेन पर थोपना चाहंता हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वैश्विक अर्थव्यस्था पर खतरा मंडराया है इसका कारण है कि यूक्रेन में घमासान युद्ध चल रहा हैं। इस वैश्विक से विकासशील देशों में सबसे ज्यादा कोहराम मचा हुआ हैं। 
वैश्विक खाद्य मूल्य सूचकांक 
गुटेरेस ने कहा कि ये युद्ध दुनिया के सबसे कमजोर लोगों और देशों पर हुए हमले को रेखांकित करता है।उन्होंने आगे कहा, खाद्य, ईधन और उर्वरक की कीमतें आसमान छू रही हैं। आपूर्ति बाधित हो रही है। बाहर से माल आने में देरी हो रही है और मौजूद चीजों की कीमतें बहुत ज्यादा है।संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, एफएओ (खाद्य एवं कृषि संगठन) का वैश्विक खाद्य मूल्य सूचकांक अब तक के उच्चतम स्तर पर है।खाद्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बदलाव को मापने वाला सूचकांक फरवरी में 140.7 पर पहुंच गया, जो 1961 के बाद से वास्तविक रूप से अब तक का सबसे उच्च स्तर है।
वैश्विक आपातकालीन प्रतिक्रिया
गुटेरेस ने इन खतरों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में खाद्य, ऊर्जा और वित्त पर एक वैश्विक संकट प्रतिक्रिया समूह के गठन की भी घोषणा की।हम इन उभरते संकटों के लिए आवश्यक वैश्विक आपातकालीन प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यो को पूरा करने के इच्छुक सदस्य राज्यों के साथ परामर्श करेंगे।
विकासशील देश रिकॉर्ड महंगाई के साथ महामारी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहेकोरोना महामारी के दो साल के हमले से उबरने के बाद जो रिकवरी हुई है, वो यूक्रेन में जारी युद्ध से बिगड़ रही है।संघर्ष से पहले भी विकासशील देश रिकॉर्ड महंगाई के साथ महामारी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे थे, वहां ब्याज दरों में वृद्धि और कर्ज का बोझ बढ़ रहा था और अब ये तेजी से वृद्धि से खत्म हो गई है।उन्होंने कहा, अब उनकी बुनयादी जरूरतों पर बमबारी की जा रही है। रूस और यूक्रेन दुनिया के आधे से ज्यादा सूरजमुखी तेल और दुनिया के लगभग 30 प्रतिशत गेहूं की आपूर्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं

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