राष्ट्रीय राजधानी में 20 वर्षों बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मॉनसूनी बारिश दर्ज, ऑरेंज अलर्ट जारी
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच 126.1 मिमी बारिश हुई। 10 जुलाई, 2023 को दर्ज की गई 133.4 मिमी के बाद से एक दिन में अब तक का सबसे अधिक, एक अधिकारी ने कहा, शहर ने 21 जुलाई, 1958 को 266.2 मिमी का अब तक का उच्चतम स्तर दर्ज किया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश का कहर : 15 घर गिरे, 56 वर्षीय एक महिला की दबकर मौत
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को पूरे दिन हुई लगातार बारिश के कारण 15 घर ढह गए, जबकि घर का एक हिस्सा ढहने से 56 वर्षीय एक महिला की दबकर मौत हो गई।
रब्बा-रब्बा मीह बरसा… पर आज…
हम जब छोटे थे तो एक ही गीत मुख पर रहता था-रब्बा-रब्बा मीह (बरसात, बारिश) बरसा, साडी कोठी दाने पा… और जैसे ही बरसात का मौसम होता हम सब इतने खुश होते थे कि घर में पकौड़े, खीर, मालपुव्वे बनते। बरसात और खाने का आनंद ही कुछ और था
डोभाल की दो टूक
विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक तत्वों के एक के बाद एक आपस में ही मारे जाने के बाद खालिस्तान समर्थक संगठनों में खलबली मची हुई है
पंचायतों के हिंसा भरे चुनाव !
प. बंगाल में पंचायती चुनाव आज सम्पन्न हो गये हैं। इन चुनावों की घोषणा के बाद राज्य के कुछ जिलों में जिस प्रकार हिंसा हुई
1984 दंगे मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ CBI की चार्जशीट पर फैसला 19 जुलाई को
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दायर सीबीआई की चार्जशीट पर फैसला 19 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा पर जेपी नड्डा ने कहा, हम लोकतंत्र को मरने नहीं देंगे
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान मारपीट और हिंसा की खबरें आईं। हिंसा रोकने के लिए बीजेपी पार्टी के नेता ने विपक्षी पार्टी के नेता और प्रभारी बीजेपी नेता
महिला सशक्तिकरण जागरूकता के लिए देश में भर सायकिल से यात्रा करने निकली महिला से उत्तराखंड CM मिले
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए बहुत से उदहारण है लेकिन इसकी जागरूकता के लिए कम ही लोग आते है। महिला वो जो एक घर से लेकर देश तक का निर्माण कर सकती है
पाकिस्तान : इमरान खान को तोशाखाना मामले में मिला बड़ा झटका
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलात कम होने का नाम नहीं ले रही, पाकिस्तान की एक स्थनीय अदालत ने खान को झटका देते हुए तोशाखाना मामले के स्थिरता को बरकरार रखा।
अफगानिस्तान में गरीबी और भोजन की कमी से कुपोषित हो रहे बचे
अफगनिस्तान ये उन देशो में एक जो आतंकवाद से अभी तक पीड़ित है उस साल को भला कौन भूल सकता है जिस वर्ष सत्ता में तालिबान आई थी। तालिबान सरकार में आने के तरीके से वहा के लोगो में भय था।