रब्बा-रब्बा मीह बरसा... पर आज... - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

रब्बा-रब्बा मीह बरसा… पर आज…

हम जब छोटे थे तो एक ही गीत मुख पर रहता था-रब्बा-रब्बा मीह (बरसात, बारिश) बरसा, साडी कोठी दाने पा… और जैसे ही बरसात का मौसम होता हम सब इतने खुश होते थे कि घर में पकौड़े, खीर, मालपुव्वे बनते। बरसात और खाने का आनंद ही कुछ और था

हम जब छोटे थे तो एक ही गीत मुख पर रहता था-रब्बा-रब्बा मीह (बरसात, बारिश) बरसा, साडी कोठी दाने पा… और जैसे ही बरसात का मौसम होता हम सब इतने खुश होते थे कि घर में पकौड़े, खीर, मालपुव्वे बनते। बरसात और खाने का आनंद ही कुछ और था। और साडी कोठी दाने पा का अर्थ है हम अन्नदाता भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हे इन्द्र देवता खूब बरसो क्योंकि धान, चावल का समय है, हमारे खेतों में पानी की बहुत जरूरत होती है।
पहले की बरसात और अब की बरसात में बहुत ही फर्क आ गया है। जहां हम भगवान से बरसात मांगते थे, जरा से बादल आते थे तो बरसात आने का एहसास होता था और खुशियां मनाते थे। अब जैसे ही बरसात का मौसम दिखाई देता है कई चिंताएं मन में हो जाती हैं। अब गुड़गांव जाना है या दिल्ली में कहीं जाना हो तो पानी भरा मिलेगा और कौन सी गाड़ी से जाएं, गाड़ी बरसात के पानी में न फंस जाए। घंटों ट्रैफिक में न फंस जाएं। यह बात सिर्फ दिल्ली, गुड़गांव की नहीं सारे भारत की हो गई है। कहते हैं बरसातों में तो मुम्बई जाना ही नहीं चाहिए। अगर ​दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो बीस लाख से ज्यादा लोग गुरुग्राम और सोनीपत अप एंड डाउन करते हैं लेकिन यह गारंटी नहीं है कि बारिश आने पर समय पर आफिस पहुंच जाएंगे या वापसी समय पर होगी। हाईवे तक और सबवे तथा अंडरपार में पानी भरना आम बात है। सीवरेज ब्लाक हो जाते हैं, छोटी नालियां आैर नाले भर जाते हैं। बारिश की वजह से पिछले दिनों बेंगलुरु जैसे महानगर में और असम के गुवाहाटी, नौगांव दिसपुर में जो हालत हुई वह तबाही थी। राजस्थान जिसे रेगिस्तान कहा जाता है वहां भी कितने शहरों में पानी भरा है। दिल्ली से मुम्बई तक या गुजरात तक या फिर कर्नाटक तक, महाराष्ट्र तक, केरल, गोवा, हिमाचल कहीं की बात कर लें या फिर अधिकतर सड़कों की बात कर लें तो बुरी हालत नजर आती है। सोशल मीडिया में बहुत भयानक तस्वीरें दिखाई जाती जिसमें कारें फंसी या बहती नजर आती हैं। कुछ लोग तो यह भी​ लिख देते हैं कि सड़कों पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। मुम्बई के चैबुर में सड़क तीस फुट धंस गई। दिल्ली के जनकपुरी में बीस फुट गहरा गड्ढा हो गया। यही स्थिति देश के अनेक राज्यों के महानगरों की है। लोगों के अनुसार दिल्ली के जहांगीरपुरी मैट्रो स्टेशन की हालत तो यह है कि उसके प्रवेश द्वार तक पहुंचना ही आसान नहीं है। उत्तराखंड की तबाही हम देख चुके हैं, हिमाचल में पहाड़ दरक रहे हैं, सड़कें बैठ रही हैं, मनाली में 90 किलोमीटर तक जाम लगा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है कि कैसे एक महिला की कार पानी में बह रही है और कुछ स्थानीय लोग उन्हें बचाने की को​िशश में लगे हैं, देखकर दिल दहल गया।
अब तो दोषारोपण से बात नहीं बनेगी अगर देशभर में समस्या है तो इसका समाधान भी होना चाहिए। अभी चार महीने पहले ही जोशीमठ में किस तरह से पूरा शहर धंस रहा था। हमें कुरदत चेतावनी दे रही है, पहाड़ों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए और साथ ही साथ जिस बारिश की रिमझिम पर शायरों ने सुुन्दर गीत लिखे हों, उसके आने से पहले ऐसे इंतजाम हो जाने चाहिए ताकि फिर से हम सब गीत गुनगुनाएं रब्बा-रब्बा मीह बरसा। सो मेरा मानना है कि शहरों में हर स्थान जहां पानी रुकता है वहां बूस्टर पम्पों की स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए। पानी की निकासी होनी चाहिए। जैसे ही बरसात शुरू होते ही पानी निकालने का काम भी शुरू हो जाना चाहिए। केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारें बरसातों में बंदाेबस्त तो करने होंगे। वरना बारिश से जलभराव की समस्या और भी गम्भीर होती जाएगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकारें और प्रशासन इस दिशा में कुछ करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − nine =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।