रांची : मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये राज्य में स्थित जलाशयों पर अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कितने मत्स्य बीच का उत्पादन तथा संचयन राज्य में किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस कार्य में मत्स्य मित्रों की सेवा लें साथ ही वाटर बॉडी के लिये एक पोर्टल बनाया जाये जिसमें सभी जलाशयों को एमआईएस इंट्री सुनिश्चित की जाय।
वे आज मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक में सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से दिशा-निर्देश दे रही थीं। श्रीमती वर्मा ने कहा कि बंगाल पर मछली की निर्भरता को कम करने के लिये राष्ट्रीय खपत के अनुरूप मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करें ताकि राज्य के लोगों को पौष्टिक आहार के रूप में मछली उपलब्ध हो सके। साथ ही निर्देश दिया कि मछली के क्वालिटी प्रोडक्षन पर विशेष ध्यान दिया जाय।
विभाग ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को 1500 करोड़ मछली बीज के उत्पादन/संचयन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 869 करोड़ बीज का उत्पादन एवं संचयन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही 10000 मत्स्य बीज उत्पादकों के निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 8059 मत्स्य बीज उत्पादकों को निबंधित एवं प्रषिक्षित किया जा चुका है। साथ ही 3 लाख मैट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी जिलों को लक्ष्य संसूचित किये जा चुके हैं।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि मत्स्य पालकों/मित्रों को मछली पालन योजना से जोडऩे तथा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की राषि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाय तथा इस हेतु सभी मत्स्य मित्रों के खातों को आधार सीडिंग का कार्य 5 जुलाई तक सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि सभी जिला मत्स्य कार्यालय में एमआइएस मैनेजर की नियुक्ति सुनिश्चित की जायेगी ताकि डाटा इंट्री का कार्य पूर्ण किया जा सके।
विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि कल्स्टर एप्रोच के तहत 120 हैचरी निर्माण के लिये लाभुक तथा स्थलों का चयन कर लिया गया है जिसमें से 65 हैचरी का निर्माण प्रारंभ किया जा चुका है साथ ही निर्मित हैचरियों को का फोटाग्राफ्स वेबसाइट पर भी अपलोड किये जा रहे हैं। इसके अलावा आरकेवीवाई द्वारा 120 हैचरी का निर्माण भी कराने का प्रस्ताव है जिसकी प्रक्रिया 15-20 दिनों में पूर्ण कर ली जायेगी।
साथ ही अगले वित्तीय वर्ष में 1000 नई हैचरी के निर्माण हेतु स्थल चयन भी किया जा रहा है। विभाग ने बताया कि रिवर फिश फार्मिंग के तहत अब तक 2000 स्थानों का चयन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
बैठक में मुख्य रूप से सचिव कृषि, मत्स्य, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग श्रीमती पूजा सिंघल एवं निदेशक राजीव कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।