रामकृष्ण मठ और मिशन के प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का रविवार शाम लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 99 साल के थे। उन्होंने कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में आखिरी सांस ली। ऐसा कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी को पॉलिटिक्स में जाने के लिए उन्होंने ही इंस्पायर किया था। आत्मस्थानंद के निधन पर मोदी ने दुख जताया है।
The demise of Swami Atmasthananda ji is a personal loss for me. I lived with him during a very important period of my life. pic.twitter.com/eY3TKU41Xf
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2017
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- “स्वामी आत्मस्थानंद जी के पास बहुत नॉलेज था। उनके आदर्श और व्यक्तित्व को आगे की पीढ़ियां याद रखेंगी। स्वामीजी का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर नुकसान है। मैंने अपनी जिंदगी का अहम वक्त उनके साथ बिताया था।”
I paid my last visit to him this afternoon.A life of outstanding social & religious service. This is an irreparable loss to mankind 2/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 18, 2017
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी उनके निधन के कुछ घंटे पहले ही उनका हालचाल लेने पहुंची थीं। उन्होंने भी स्वामीजी के निधन पर दुख जाहिर किया। ममता ने कहा, “स्वामी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं आज दोपहर ही उनसे मिलकर आई थी। उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन सामाजिक और धार्मिक सेवाएं दीं हैं। इंसानियत के लिए यह एक बड़ी क्षति है।”
मोदी और स्वामी आत्मस्थानंद में करीबी की कहानी तब से शुरू होती है, जब मोदी करीब 20 साल की उम्र में कोलकाता के रामकृष्ण मठ पहुंचे थे और स्वामी आत्मस्थानंद से दीक्षा लेने की गुजारिश की थी। तब स्वामीजी ने मोदी को दीक्षा देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि आपमें समाजसेवा के जरिए आध्यात्मिक ऊंचाई पाने का हुनर दिख रहा है। इस रास्ते से भी मानव सेवा की जा सकती है।