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By- Yogita Tyagi
April 15, 2024
9 अप्रैल 2024 से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि का आज सातवां दिन है जो मां कालरात्रि को समर्पित है
क्या आप जानते हैं मां दुर्गा के इस सातवें रूप को धारण करने के पीछे कौन सी कहानी है? यदि नहीं तो आइए जानते हैं कि क्यों मां दुर्गा ने यह रूप धारण किया
एक पौराणिक कथा के मुताबिक शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज नाम के असुरों ने तीनों लोकों पर आतंक मचा कर रखा था वे सम्पूर्ण सृष्टि पर कब्जा करना चाहते थे
देवता तीनों असुरों के बढ़ते आतंक से बहुत परेशान हो चुके थे समस्या का हल न निकलने पर सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे
देवताओं ने भगवान शिव के पास पहुंच कर उन्हें अपनी सारी समस्या बताई और उनसे इसका हल मांगने लगे
भगवान शिव ने देवी पार्वती को इन असुरों का जल्द से जल्द वध करने के लिए कहा देवी पार्वती भगवान शिव की बात सुनकर राक्षसों का विनाश करने के लिए तैयार हो गईं
मां पार्वती ने दुर्गा रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ का अंत कर दिया लेकिन रक्तबीज का वध करते ही उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों की संख्या में रक्तबीज दैत्य उत्पन्न हो गए
ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि रक्तबीज को यह वरदान प्राप्त था कि उसके रक्त से निकली एक भी बूंद धरती पर गिरने से उसके ही जैसे एक दूसरे असुर का जन्म होगा
ऐसे में देवी दुर्गा ने अपने तेज से देवी कालरात्रि का रूप धारण किया और दैत्य रक्तबीज का अंत किया
मां कालरात्रि उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को जमीन पर गिरने ही नहीं देती थीं वे उससे पहले ही अपने मुख में उसका रक्त भर लेती थीं
इस प्रकार रक्तबीज का वध हुआ और तीनों लोकों को इन असुरों के आतंक से मुक्ति मिली मां पार्वती ने कुछ इस तरह मां कालरात्रि का रूप धारण किया था